Guru Ravidas Jayanti 2021 Messages: गुरु रविदास जयंती की दें शुभकामनाएं, भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings और GIF Images
संत रविदास को संत कबीर का समकालीन माना जाता है. यहां तक कि गुरु रविदास द्वारा रचित चालीस पद सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी सम्मिलित किए गए हैं. महान संतों में शामिल गुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Guru Ravidas Jayanti 2021 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास की पूर्णिमा (Magha Purnima) तिथि को गुरु रविदास जी की जयंती (Guru Ravidas Jayanti) मनाई जाती है. इस साल 27 फरवरी को यह शुभ तिथि पड़ रही है. संत रविदास (Guru Ravidas) जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा को काशी में हुआ था, लेकिन उनके जन्म के साल को लेकर विद्वानों के मत अलग-अलग हैं. कुछ विद्वान बताते हैं कि उनका जन्म 1388 में हुआ था, जबकि कुछ विद्वानों का मानना है कि उनका जन्म 1398 में हुआ था. उनकी माता का नाम कर्मा देवी और पिता का नाम संतोख दास था. उनका जन्म चर्मकार कुल में हुआ था, इसलिए उन्होंने जूते बनाने के पैतृक व्यवसाय को दिल से अपनाया और पूरी लगन व मेहनत से अपना कार्य करते थे.
संत रविदास को संत कबीर का समकालीन माना जाता है. यहां तक कि गुरु रविदास द्वारा रचित चालीस पद सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी सम्मिलित किए गए हैं. महान संतों में शामिल गुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- आज का दिन है खुशियों भरा,
आपको और पूरे परिवार को,
संत गुरु रविदास जयंती की,
बहुत-बहुत बधाई.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
2- जाति-जाति में जाति हैं,
जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके,
जब तक जाति न जात.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
3- भला किसी का नहीं कर सकते,
तो बुरा किसी का मत करना,
फूल जो नहीं बन सकते तुम,
तो कांटा बनकर भी मत रहना.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
4- मन चंगा तो कठौती में गंगा,
संत परंपरा के महान योगी,
परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी,
आपको कोटि-कोटि नमन.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
5- गुरु जी मैं तेरी पतंग,
हवा में उड़ जाऊंगी,
अपने हाथों से न छोड़ना डोर,
वरना मैं कट जाऊंगी.
गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं
कहा जाता है कि संत रविदास बचपन से ही परोपकारी और दयालु स्वभाव के थे. वो अक्सर दूसरों की सहायता करते थे और उन्हें दूसरों की मदद करने में बहुत खुशी मिलती थी. खासकर वो साधु-संतों की सेवा और प्रभु स्मरण में अपना ज्यादा ध्यान लगाते थे. माना तो यह भी जाता है कि मीरा बाई भी संत रविदास को अपना गुरु मानती थीं, यहां तक कि सिकंदर लोदी भी उनकी प्रतिभा से इस कदर प्रभावित हुआ था कि उसने रैदास जी से दिल्ली आने का अनुरोध किया था.