Gujarati New Year 2023 HD Images: 2023 में गुजराती नव वर्ष (Gujarati New Year) मंगलवार 14 नवंबर को पड़ रहा है. यह दिन पूरे गुजरात राज्य में अत्यधिक खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है. क्योंकि यह गुजराती लोगों के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक है. हिंदू कैलेंडर में नया विक्रम संवत वर्ष चैत्र माह के दौरान शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को शुरू होता है, जिस दिन गुड्डी पड़वा और उगादि मनाया जाता है. वहीं, गुजराती नववर्ष दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को शुरू होता है. इसके साथ, हमें भारत की विविधता की याद आती है और कैसे क्षेत्र और धार्मिक मान्यताओं में हमारे मतभेदों ने हमें एकता प्राप्त करने से नहीं रोका है. उदाहरण के लिए, हिंदू नव वर्ष चैत्र माह में शुरू होता है, गुजराती नव वर्ष कार्तिक (अक्टूबर/नवंबर) में शुरू होता है, और तमिल नव वर्ष जिसे पुथंडू कहा जाता है अप्रैल के महीने में आता है.
गुजराती नव वर्ष को 'बेस्तु वरस', 'वर्ष-प्रतिपदा' या केवल 'पड़वा' कहा जाता है. इसे कभी-कभी गुजराती नव वर्ष भी कहा जाता है. हालांकि अधिकांश समय आप इसे 'बेस्टु वरस' के रूप में सुनेंगे, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'नया साल' है. गुजराती नववर्ष पुराने चोपड़ा के बंद होने और नये चोपड़ा के खुलने के साथ मनाया जाता है. गुजरात में पारंपरिक खाता बही को 'चोपड़ा' के नाम से जाना जाता है. दिवाली पूजा के दौरान, देवी लक्ष्मी की उपस्थिति में उनका आशीर्वाद लेने के लिए नया चोपड़ा खोला जाता है. इस अनुष्ठान को चोपड़ा पूजन के नाम से जाना जाता है. इस अनुष्ठान के दौरान, खाता बहियों को क्रमशः 'शुभ' और 'लाभ' लेखन के साथ चिह्नित किया जाता है. आगामी वित्तीय वर्ष को लाभदायक बनाने के लिए पुस्तक के आरंभ में स्वस्तिक बनाया जाता है.
इस दिन गुजराती समुदाय के लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे को प्यार भरी शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में आप भी इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को भेजकर हैप्पी गुजराती न्यू ईयर कह सकते हैं.
1- गुजराती विक्रम संवत 2080
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यह उत्तर भारत और विशेषकर गुजरात के व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. देवी लक्ष्मी और सरस्वती दोनों की उपस्थिति में खाता बही की पूजा की जाती है. हालांकि दिवाली पर व्यवसाय बंद रहते हैं और लाभ पंचमी के दिन खुले रहते हैं, फिर भी पूरे स्टाफ और परिवारों को चोपड़ा पूजन के लिए आमंत्रित किया जाता है. साथ ही, इस दिन, गुजराती घरों को साफ किया जाता है और उत्सव और भव्यता से सजाया जाता है. नए साल की शुभ शुरुआत करने के लिए लोग सुबह जल्दी उठते हैं और मंदिरों में जाते हैं.