Govardhan Puja 2022 Messages in Hindi: गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट पूजा (Annakut Puja) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 26 अक्टूबर 2022 को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. बात करें अन्नकूट की तो इसका अर्थ है अन्न का मिश्रण, जिसे भोग के रूप में कान्हा को अर्पित किया जाता है. कई जगहों पर इस दिन बाजरे की खिचड़ी और पुरी बनाई जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन 56 प्रकार के भोग भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) को अर्पित किए जाते हैं. प्रकृति और पशु धन की उपासना समर्पित इस खास पर्व पर श्रीकृष्ण के गोवर्धन स्वरूप विशेष पूजा की जाती है. इस पर्व को ब्रजवासी बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, इस दिन ब्रजवासी अपने-अपने घरों में गिरिराज गोवर्धन का मनमोहक श्रृंगार करते हैं, फिर उनकी उपासना करते हैं.
गोवर्धन पूजा से जुड़ी धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी. कान्हा ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पूजा करने का आदेश दिया था, तब से यह प्रथा कायम है. गोवर्धन पूजा के इस बेहद खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स और एचडी इमेजेस को भेजकर अपनों से हैप्पी गोवर्धन पूजा कर सकते हैं.
1- चंदन की खुशबू, रेशम का हार,
धूप की सुगंध, दीयों की फुहार,
दिल की उम्मीदें और अपनों का प्यार,
मंगलमय हो आपके लिए ये त्योहार.
हैप्पी गोवर्धन पूजा
2- हर खुशी आपके द्वार आए,
जो आप मांगे उससे अधिक पाएं,
गोवर्धन पूजा में कृष्ण गुण गाएं
और ये त्योहार, खुशी से मनाएं.
हैप्पी गोवर्धन पूजा
3- प्रेम से कृष्ण का नाम जपो,
दिल की हर इच्छा पूरी होगी,
कृष्णा आराधना में तल्लीन हो जाओ,
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी.
हैप्पी गोवर्धन पूजा
4- जनहित में एक ऊंगली पर,
कन्हैया ने पर्वत को उठाया,
उसी दिन की याद दिलाने,
गोवर्धन पूजा का दिन आया.
हैप्पी गोवर्धन पूजा
5- बंसी की धुन पर,
सबके दुख वो हरता है,
आज भी अपना कन्हैया,
कई चमत्कार करता है.
हैप्पी गोवर्धन पूजा
गौरतलब है कि गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है. इस दिन गोबर से गोवर्धन जी को लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाया जाता है और नाभि की जगह पर मिट्टी का दीपक रखा जाता है, जिसमें दूध, दही, गंगाजल, शहद और बताशे डाले जाते हैं. पूजा के बाद उसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. पूजा के दौरान गोवर्धन पर धूप, दीप, फूल, फल, भोग इत्यादि अर्पित किए जाते हैं और उसके बाद सात परिक्रमा की जाती है.