गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. इसे भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन पूरे भारत में मनाया जाता है. भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय हुआ था. बता दें कि शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं. गणपति जी का पूजन और उपासना करने से घर में संपन्नता, समृद्धि, सौभाग्य और धन का आगमन होता है. इस साल गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को मनाई जाएगी. गणेश उत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है. कई जगहों पर पंडाल बनता हो तो कहीं प्राचीन मंदिरों में आस्था के साथ उनकी पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप गणेश उस मंदिर के बारे में जानते हैं जहां उनका आकार हर दिन बढ़ता रहता है.
आंध्र प्रदेश के चित्तूर में विघ्नहर्ता गणपति का एक ऐसा धाम है. जहां भगवान गणेश का अद्भुत मंदिर है. कहा जाता है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण आंध्रप्रदेश के चित्तू में चोल राजाओं ने करवाया था. आस्था और चमत्कार की ढेरों कहानियां खुद में समेटे कनिपक्कम विनायक मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर आने भक्त की हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
बदलता है गणेश भगवान की मूर्ति का आकार
कनिपक्कम विनायक का ये मंदिर बड़ा अनोखा है. इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार हर दिन बदलता रहता है. आपको जानकार हैरानी जरुर होगी लेकिन भगवान गणेश की इस प्रतिमा में उनका पेट और पैर दोनों का आकर बदल रहा है. मंदिर में लक्ष्माम्मा ने भगवान श्री गणेश के लिए एक कवच तैयार किया था लेकिन जब उन्हें कवच पहनाने की कोशिश की गई तो वह फीट नहीं हुई. भगवान गणेश का यह मंदिर विशाल नदी के बीचों बीच बसा है.