Gandhi Jayanti 2021 Wishes in Hindi: भारत में हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti) मनाई जाती है. इस साल गांधी जी की 152वीं जयंती (152th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi) मनाई जा रही है. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) साल 1915 से सक्रिय हुए और बापू की एंट्री ने स्वाधीनता संग्राम में जबरदस्त जान फूंक दी. भारत की आजादी की लड़ाई में गांधी जी की भूमिका ने भारतीय समाज और राष्ट्रीयता को नए सिरे से गढ़ने में मदद की. यह उनकी सत्य और अहिंसा की राह पर चलने वाली नीतियों का ही कमाल था कि उनके साथ अधिक से अधिक लोग आंदोलन में जुड़ते चले गए. स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गांधी सभी धर्मों, जाति और भाषाओं का सम्मान करते थे. यहां तक कि उन्होंने दलितों और गैर-दलितों के बीच युगों-युगों से चली आ रही खाई को भरने पर भी जोर दिया.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उन्होंने सत्य और अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया. ऐसे में उनकी 152वीं जयंती पर आप अपनों को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स को सोशल मीडिया के जरिए शेयर कर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम,
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम,
सबको सन्मति दे भगवान,
गांधी जयंती की शुभकामनाएं
2- गांधी जयंती पर मेरा,
सभी से बस यही कहना है,
जीना है तो गांधी जैसे,
वरना जीना भी क्या जीना है.
गांधी जयंती की शुभकामनाएं
3- देश के लिए जिसने विलास को ठुकराया था,
त्याग विदेशी धागे उसने खुद ही खादी बनाया था,
पहन के काठ की चप्पल जिसने सत्याग्रह का राग सुनाया था,
देश का था अनमोल वो दीपक जो महात्मा कहलाया था.
गांधी जयंती की शुभकामनाएं
4- खादी मेरी शान है,
कर्म ही मेरी पूजा है,
सच्चा मेरा कर्म है,
और हिंदुस्तान मेरी जान है.
गांधी जयंती की शुभकामनाएं
5- बस जीवन में यह याद रखना,
सच और मेहनत का सदा साथ रखना
बापू तुम्हारे साथ हैं, हर बच्चे के पास हैं,
सच्चाई जहां भी है, वहां उनका वास है.
गांधी जयंती की शुभकामनाएं
बहरहाल, इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया जाता है, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उन्हें यह उपाधि आखिर किसने दी? दरअसल, सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था. उन्होंने 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए गांधीजी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहकर संबोधित किया था.