Ekadashi Vrat In Year 2019: एकादशी के दिन व्रत करने पर बेहद प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु, देखें साल 2019 में पड़नेवाली तिथियों की पूरी लिस्ट
हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं और यह तिथि हर महीने में दो बार आती है. हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली इस तिथि को 'हरी दिन' और 'हरी वासर' के नाम से भी जाना जाता है. हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व है.
Ekadashi Vrat In Year 2019: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि (Ekadasi Tithi) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन पड़ने वाले एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) को सभी व्रतों में उत्तम माना गया है. यह व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है, इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और वह पाप मुक्त होकर मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करता है. पद्म पुराण (Padma Puran) के अनुसार, स्वयं महादेव (Mahadev) ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था कि एकादशी महान पुण्य देने वाले व्रतों में सबसे श्रेष्ठ है. इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक जाते हैं.
हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं और यह तिथि हर महीने में दो बार आती है. हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी तिथि को 'हरी दिन' और 'हरी वासर' के नाम से भी जाना जाता है. हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व है. अगर आप भी एकादशी का व्रत रखते हैं या फिर यह व्रत करने की सोच रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं साल 2019 में पड़ने वाली एकादशी तिथियों की पूरी लिस्ट.
साल 2019 में पड़ने वाली एकादशी व्रत की तिथियां-
01 जनवरी 2019 (मंगलवार)- सफला एकादशी (पौष कृष्ण पक्ष)
17 जनवरी 2019 (गुरुवार)- पुत्रदा, वैकुंठ एकादशी (पौष शुक्ल पक्ष)
31 जनवरी 2019 (गुरुवार)- षटतिला एकादशी (माघ कृष्ण पक्ष)
16 फरवरी 2019 (शनिवार)- जया, भैमी एकादशी (माघ शुक्ल पक्ष)
02 मार्च 2019 (शनिवार)- विजया एकादशी (फाल्गुन कृष्ण पक्ष)
17 मार्च 2019 (रविवार)- आमलकी एकादशी (फाल्गुन शुक्ल पक्ष)
31 मार्च 2019 (रविवार)- स्मार्त पापमोचिनी एकादशी (चैत्र कृष्ण पक्ष)
15 अप्रैल 2019 (सोमवार)- स्मार्त कामदा एकादशी (चैत्र शुक्ल पक्ष)
30 अप्रैल 2019 (मंगलवार)- वरुथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण पक्ष)
15 मई 2019 (बुधवार)- मोहिनी एकादशी (वैशाख शुक्ल पक्ष)
30 मई 2019 (गुरुवार)- अपरा एकादशी ( ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष)
13 जून 2019 (गुरुवार)- निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष)
29 जून 2019 (शनिवार)- योगिनी एकादशी (आषाढ कृष्ण पक्ष)
12 जुलाई 2019 (शुक्रवार)- देवशयनी आषाढी एकादशी (आषाढ शुक्ल पक्ष)
28 जुलाई 2019 (रविवार)- कामिका एकादशी (श्रावण कृष्ण पक्ष)
11 अगस्त 2019 (रविवार)- पुत्रदा, पवित्रा एकादशी (श्रावण शुक्ल पक्ष)
26 अगस्त 2019 (सोमवार)- स्मार्त अजा एकादशी (भाद्रपद कृष्ण पक्ष)
09 सितंबर 2019 (सोमवार)- परिवर्तिनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ल पक्ष)
25 सितंबर 2019 (बुधवार)- इंदिरा एकादशी (आश्विन कृष्ण पक्ष)
09 अक्टूबर 2019 (बुधवार)- पापांकुशा एकादशी (अश्विन शुक्ल पक्ष)
24 अक्टूबर 2019 (गुरुवार)- रमा एकादशी (कार्तिक कृष्ण पक्ष)
8 नवंबर 2019 (शुक्रवार)- देवुत्थान, प्रबोधिनी, देव उठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल पक्ष)
22 नवंबर 2019 (शुक्रवार)- स्मार्त उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीष कृष्ण पक्ष)
08 दिसंबर 2019 (रविवार)- मोक्षदा एकादशी (मार्गशीष शुक्ल पक्ष)
22 दिसंबर 2019 (रविवार) सफला एकादशी (पौष कृष्ण पक्ष) यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat In Year 2019: भगवान शिव को समर्पित है प्रदोष व्रत, जानें साल 2019 में पड़नेवाली त्रयोदशी तिथियों की पूरी लिस्ट
एकादशी व्रत से जुड़े नियम-
एकादशी के व्रत का नियम बहुत ही कठिन होता है, जिसका पालन करना व्रत करने वालों के लिए अनिवार्य होता है.
- एकादशी तिथि के पहले सूर्यास्त से लेकर एकादशी के अगले दिन सूर्योदय तक व्रत रखना पड़ता है.
- दशमी तिथि से ही मांस-मछली, प्याज, मसूर की दाल और शहद जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित माना जाता है.
- रात के समय भोग-विलास से दूर रहना चाहिए और दशमी तिथि से ही पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- एकादशी तिथि के दिन सुबह के वक्त दातून से नहीं, बल्कि नींबू, जामुन या आम के पत्तों को चबाकर मुख शुद्ध करना चाहिए.
- एकादशी के दिन वृक्ष से पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि स्वयं गिरे पत्तों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
- सुबह स्नान करने के बाद मंदिर जाना चाहिए, भगवत गीता का पाठ करना चाहिए.
- इसके साथ ही व्रत रखने वालों को 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का जप करना चाहिए.
- इस दिन अपनी यथाशक्ति के अनुसार, दान-धर्म करना चाहिए, इससे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
- द्वादशी तिथि के दिन सुबह स्नान के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान-दक्षिणा देनी चाहिए.
- इस व्रत में त्रयोदशी तिथि आने से पहले व्रत का पारण कर लेना चाहिए. यह भी पढ़ें: भगवान विष्णु को अतिप्रिय है कार्तिक मास, आर्थिक लाभ और सुखी जीवन के लिए रखें इन बातों का विशेष ध्यान
एकादशी के दिन न करें ये काम
- वृक्ष से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
- घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए.
- बाल नहीं कटवाने चाहिए.
- इस दिन जितना हो सके उतना कम बोलें.
- इस दिन चावल का सेवन वर्जित है.
- किसी का दिया हुआ अन्न ग्रहण न करें.
- मन में किसी प्रकार का विकार न आने दें.
अगर आप भी एकादशी का व्रत करते हैं और उसका पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इन नियमों का पालन सख्ती से करना चाहिए. एकादशी का व्रत रखने वाले अगले दिन यानी द्वादशी को जल्दी नहाकर भगवान विष्णु की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन कराएं, उन्हें दक्षिणा दें फिर अपने व्रत का पारण करें.