Eid-ul-Fitr 2020 Mubarak: बेहद अहम् है चांद रात, अल्लाह हर दुआ करते है कबूल, ऐसे करें इबादत
ईद का चांद दिखने के बाद कल यानि सोमवार को पूरे देश में रोजा रखा जायेगा. लोगो के बीच से रुखसत होने वाला यह महीना फिरन लोगों के बीच 11 महीने के बाद ही आने वाला है. ऐसे में लोगों के पास अभी तक इबदाद करने की एक रात बाकी हैं. जो चांद रात है. जिसे ईद-उल-फितर से पूर्व 'लैलातुल जाइजा' यानी इनाम की रात, कही जाती है. इस रमजान के अफजल रातों में इस रात को लोगों द्वारा मांगे जाने वाला हर दुआ खुदा कबूल करता है.
Lailatul Jaiza 2020: ईद के चांद का दीदार होने के बाद कल यानि सोमवार को पूरे देश में ईद -उल- फितर की नमाज पढ़ी जायेगी. ऐसे में लोगो के बीच से रुखसत होने वाला यह पाक और बरकत वाला महीना फिर लोगों के बीच 11 महीने के बाद आने वाला है. ऐसे में लोगों के पास अभी भी इबदाद करने की एक अहम रात बाकी हैं. जो ईद की चांद रात (Chaand Raat) है. जिस रात को 'लैलातुल जाइजा' (Lailatul Jaiza) यानी इनाम की रात, कही जाती है. रमजान के पाक महीने में अफजल रातों में इस रात के बारे में अहमियत है कि इस रात को इंसान यदि खुदा से दिल से कोई दुआ मांगता है तो उसके उस दुआ को खुदा जरूर कबूल करता है.
इस्लाम धर्म में कहा गया है कि किसी को अपने गुनाहों से बख्शीश चाहिए तो उसे इस ख़ास रात को जागकर नफिल की नमाज पढ़े, कुरआनए पाक की तिलावत करे और खुदा से अपने बारे में दुआ मांगे. यदि वह दिल से अपने बारे में या अपने परिवार के बारे में दुआ मांगता है तो खुदा उस इन्सान की दुआ कबूल करता हैं. यह भी पढ़े: Chand Raat Mubarak 2020 Wishes in Hindi: ईद का जश्न मनाने से पहले दोस्तों-रिश्तेदारों से कहें चांद रात मुबारक, भेजें ये WhatsApp Status, Facebook Greetings, GIF Images, HD Wallpapers और कोट्स
‘लैलातुल जाइजा' की अहमियत:
‘लैलातुल जाइजा' उन पांच रातों में एक रात है, जिस रात अल्लाह सभी की दुआओं को स्वीकार करता है. अन्य रातें हैं: जुमे (शुक्रवार) की रात, रजब की पहली रात (इस्लामिक कैलेंडर का 7वां महीना) और शाबान की 15वीं रात (इस्लामी कैलेंडर का आठवां महीना). ऐसे में इस खास रात को लोग ईद की तैयारी में जरूर मशगूल रहे. लेकिन उन्हें चाहिए कि वे इस खास रात को इबदाद करने खुदा से अपने बारे में मांफी मांगे.
ऐसे में यह खास रात लोगों के बीच से रुखसत हो रही है. लोगों को चाहिए कि लोग इस रात को पूरी रात इधर उधर ना जाकर अपने घर में इबादत करे. क्योंकि यह खास रात अब लोगों को 11 महीने बाद ही मिलने वाली है.