Earth Day 2023 Wishes: पृथ्वी दिवस की इन हिंदी Slogans, WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Photo SMS के जरिए दें शुभकामनाएं
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 से हुई थी, तब से लेकर अब तक इस दिवस को मनाने का सिलसिला बरकरार है. करीब दुनिया के 192 देश इसे सेलिब्रेट करते हैं और लोगों को जागरूक करने के लिए शुभकामना संदेश शेयर किए जाते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, स्लोगन, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Earth Day 2023 Wishes in Hindi: अर्थ दिवस यानी पृथ्वी दिवस (Earth Day) को अंतरराष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस (International Mother Earth Day) के नाम से भी जाना जाता है. पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) को बढ़ावा देने और ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि इंसान अपनी जिंदगी को आसान बनाने के लिए पर्यावरण को कई तरह से लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसके चलते पृथ्वी पर ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते खतरे के चलते दुनिया भर में सूखा, अकाल, बाढ़, तूफान और खतरनाक मौसम जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. ऐसे में पृथ्वी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे मनाया जाता है.
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 से हुई थी, तब से लेकर अब तक इस दिवस को मनाने का सिलसिला बरकरार है. करीब दुनिया के 192 देश इसे सेलिब्रेट करते हैं और लोगों को जागरूक करने के लिए शुभकामना संदेश शेयर किए जाते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, स्लोगन, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- पृथ्वी की परवाह,
आने वाले जन्म के लिए परवाह.
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
2- पृथ्वी को बंजर ना बनाएं,
हर जगह कूड़ा-कचरा ना फैलाएं.
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
3- अर्थ का कुछ करो,
नहीं तो हो जाएगा अनर्थ.
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
4- पृथ्वी हमारी नहीं,
हम पृथ्वी के हैं...
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
5- प्रकृति का न करें हरण,
आओ बचाएं पर्यावरण.
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
बताया जाता है कि साल 1960 और 1970 के दशक में जंगलों की अधांधुंध कटाई की जाने लगी. मानव अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को नष्ट करने लगे. अगर जंगल पूरी तरह से नष्ट हो गए तो इससे पृथ्वी और पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन के लिए भी खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में दुनिया का ध्यान इस तरफ लाने के लिए इस दिवस को मनाने का फैसला किया गया. पहली बार 22 अप्रैल 1970 को वर्ल्ड अर्थ डे मनाया गया था और तब से यह सिलसिला बरकरार है.