Diwali Puja Auspicious Time 2023: कब मनाई जाएगी दिवाली? जानें घर, दुकान, दफ्तर और फैक्ट्री में किस मुहूर्त में किस विधि से करें लक्ष्मी-पूजन?
दिवाली 2023- Unsplash

दीपावली सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. साथ ही यह पूजा निशिता मुहूर्त में होती है. इस बार दिवाली के दिन आयुष्मान और सौभाग्य नामक दो अत्यंत शुभ योग बनने तथा इसी दिन स्वाती एवं विशाखा नक्षत्र लगने से दिवाली पूजन का महत्व बढ़ जाएगा. यहां हमारे आचार्य भागवतजी महाराज इस वर्ष घर एवं कार्यालय में होने वाली लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

कब है दिवाली 12 नवंबर या 13 नवंबर को

हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या 12 नवंबर 2023, रविवार को 02.44 PM शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर 2023, सोमवार को 02.56 PM तक रहेगी. इस तरह उदया तिथि के अनुसार कार्तिक अमावस्या तो 13 नवंबर को पड़ेगा, लेकिन अमावस्या तिथि में प्रदोष काल 12 नवंबर को पड़ रहा है. इस वजह से इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी.

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लक्ष्मी-पूजन की विधि

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान-ध्यान कर पूरे घर, कार्यालय अथवा दुकान आदि व्यवसायिक जगहों की साफ-सफाई करें. घर के प्रत्येक हिस्से में गंगाजल छिड़कें. घर के आंगन में चौक बनाकर एक पाटले पर लाल आसन गणेश जी एवं लक्ष्मी की प्रतिमा कमल के फूल पर स्थापित करें, धूप-दीप प्रज्वलित कर गणेशजी एवं लक्ष्मीजी को तिलक एवं अक्षत अर्पित करें. प्रतिमा के पास एक स्थान पर एक मुट्ठी अनाज बिछाकर एक चांदी का सिक्का रखें. इस पर कलश रखें. कलश में सिक्का, तुलसी, सुपारी, अक्षत एवं रोली डालकर ऊपर से आम का पत्ता रखकर इसके ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर नारियल रखें. इस कलश पर स्वास्तिक बनाएं और मौली बांधें. अब हाथ जोड़कर पहले गणेश जी का उनके बाद देवी लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करें.

ॐ गं गणपतये नम:

‘ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मि महालक्ष्म एह्यैहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा’

इसके बाद पांच प्रकार के फल, खोए की मिठाई एवं लाई, लावा, रेवड़ी इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद गणेश जी एवं लक्ष्मी जी की आरती उतारें और फिर पूरे घर को दीपों से सजाएं. इस दिन लक्ष्मी जी को कमल का पुष्प अवश्य चढ़ाना चाहिए.

घर पर महालक्ष्मी पूजा के मुहूर्तः

पूजा का शुभ मुहूर्तः 05.39 PM से 07.36 (14 नवंबर 2023) तक (कुल अवधि 1 घंटा 56 मिनट)

महानिशीथ कालः 11.39 PM से 12.31 AM तक

दिवाली का प्रदोष काल 05.29 PM से 08.08 PM तक है.

दिवाली का वृषभ काल 05.39 PM से 07.35 PM तक है.

अभिजीत मुहूर्तः दोपहर 12.00 बजे से 12.45 बजे तक

विजय मुहूर्तः दोपहर 02.15 से 03.00

आचार्य के अनुसार दुकान, कार्यालय अथवा फैक्ट्री जैसे व्यावसायिक जगहों पर अभिजीत मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करना सबसे श्रेयस्कर होता है, इसलिए दिवाली के दिन इस वर्ष अभिजीत मुहूर्त में ही लक्ष्मी-पूजा करने की सलाह दी जाती है