Diwali 2024: दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह खुशी, समृद्धि और नए आरंभ का प्रतीक है. इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. आइए जानते हैं दिवाली पूजा के लिए आवश्यक सामग्री और पूजा विधि के बारे में.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दिवाली का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है इसलिए इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 36 से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. वहीं, वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) का समय शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
पूजन का दूसरा मुहूर्त
महानिशीथ काल का पूजन मुहूर्त- 31 अक्टूबर क रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक होगा.
दिवाली 2024: गणेश-लक्ष्मी जी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
दिवाली की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री इकट्ठा करनी चाहिए:
- गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति: पूजा के लिए प्रतिमाएं.
- लकड़ी की चौकी: पूजा सामग्री रखने के लिए.
- चंदन और लाल कपड़ा: पूजा में समर्पित करने के लिए.
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण.
- कुमकुम, हल्दी की गांठ, और रोली: तिलक के लिए.
- फूल: कमल, गुलाब और पीले फूल.
- धूपबत्ती: सुगंधित वातावरण के लिए.
- मिठाई या लड्डू: भोग के लिए.
- दीपक और घी: दीप जलाने के लिए.
- फल, पान का पत्ता, और नारियल: पूजा में अर्पित करने के लिए.
- गंगाजल: पवित्रता के लिए.
- चांदी के सिक्के: धन का प्रतीक.
- आरती और चालीसा की किताब: पूजा के बाद आरती करने के लिए.
दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा विधि
- स्नान और स्वच्छता: दिवाली के दिन सुबह गंगाजल मिलाकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
- लकड़ी की चौकी सजाना: चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और गंगाजल से पवित्र करें.
- प्रतिमाओं की स्थापना: चौकी पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें.
- गणेश पूजा: सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं.
- मां लक्ष्मी की पूजा: मां लक्ष्मी को लाल चुनरी, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और सुपारी अर्पित करें. ध्यान से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.
- प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में गाय के दूध की खीर बनाकर भोग लगाएं और पूरे परिवार को प्रसाद के रूप में वितरित करें.
- क्षमा प्रार्थना: पूजा के समापन पर क्षमा प्रार्थना करना न भूलें.
लक्ष्मी माता के वैदिक मंत्र
माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें
- अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम्। श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।
- अॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह।
- अपद्मानने पद्मिनी पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधस्त्व।।
दिवाली का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह भाईचारा, एकता और समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के माध्यम से हम अपने घरों में सुख, समृद्धि और खुशियों का आगमन करते हैं. पूजा विधि और आवश्यक सामग्री को ध्यान में रखते हुए, इस दिवाली को और भी विशेष बनाएं.