Diwali 2024 in Advance Wishes: दिवाली की एडवांस में शुभकामनाएं देने के लिए प्रियजनों संग शेयर करें ये हिंदी Quotes, WhatsApp Messages और Facebook Greetings
दिवाली को सेलिब्रेट करने के लिए लोग कई दिन पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. घर की साफ-सफाई से लेकर साज-सजावट तक को लेकर लोगों में खासा उत्साह नजर आता है, जबकि कई लोग तो दिवाली से पहले ही दिवाली विश भी करने लगते हैं. अगर भी उनमें शामिल हैं तो आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस और फेसबुक ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें दिवाली की एडवांस में शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Diwali 2024 in Advance Wishes: इस साल दिवाली उत्सव (Diwali Utsav) की शुरुआत 29 अक्टूबर से धनतेरस (Dhanteras) के साथ हो रही है, जबकि इसका समापन 3 नवंबर को भाई दूज (Bhai Dooj) के साथ होगा. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का सबसे खास दिन दीपावली (Deepavali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshami Pujan) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है और मान्यता है कि इस दिन धन व ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों में प्रवेश कर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. पांच दिनों तक मनाई जाने वाली दिवाली के दौरान धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे त्योहार मनाए जाते हैं. हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूण त्योहारों में शुमार दिवाली उत्सव का लोगों को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है.
अंधकार पर प्रकाश की जीत के पर्व दिवाली को सेलिब्रेट करने के लिए लोग कई दिन पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. घर की साफ-सफाई से लेकर साज-सजावट तक को लेकर लोगों में खासा उत्साह नजर आता है, जबकि कई लोग तो दिवाली से पहले ही दिवाली विश भी करने लगते हैं. अगर भी उनमें शामिल हैं तो आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस और फेसबुक ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें दिवाली की एडवांस में शुभकामनाएं दे सकते हैं.
गौरतलब है कि दीयो के उत्सव को धूमधाम से सेलिब्रेट करने और माता लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए लोग कई दिन पहले से अपने घरों की साफ-सफाई में जुट जाते हैं. घरों को रंग-बिरंगी लाइटों, दीयों से रोशन किया जाता है. घर के मुख्य द्वार पर मनमोहक रंगोली बनाई जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, लंकापति रावण का संहार करने के बाद दिवाली के दिन भगवान राम चौदह वर्षों का वनवास खत्म करके अयोध्या लौटे थे. उनके आगमन की खुशी में अयोध्या नगरी को दीयों से रोशन किया गया था, कहा जाता है कि तब से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है.