Diwali 2021 in Advance Wishes in Hindi: अंधकार पर प्रकाश की जीत के पर्व दीपावली (Deepawali) का पूरे साल लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले पर्वों में पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का खास महत्व बताया जाता है. इस साल दिवाली (Diwali) का मुख्य पर्व यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) 4 नवंबर 2021 को है और हर कोई इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वैसे तो दिवाली उत्सव की शुरुआत 2 नवंबर से धनतेरस (Dhanteras) के साथ हो जाएगी और समापन 6 नवंबर 2021 को भाई दूज के साथ होगा. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के दौरान धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पर्व मनाए जाते हैं. मान्यता है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं.
वैसे तो दिवाली उत्सव की शुरुआत के साथ ही बधाई देने का सिलसिला बेहद आम हो जाता है, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो शुभकामनाएं देने के लिए दिवाली तक का इंतजार नहीं कर पाते हैं. अगर आप से भी इंतजार नहीं हो रहा है तो आप दिवाली से पहले ही दिवाली की एडवांस विशेज भेज सकते हैं. आप अपने प्रियजनों को इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए हैप्पी दिवाली इन एडवांस (Happy Diwali in Advance) कह सकते हैं.
1- चारों और दीये जलाना,
सबको तुम गले से लगाना,
अपना पराया भूलाकर सब,
आनेवाली दिवाली खुशी से मनाना.
हैप्पी दिवाली इन एडवांस
2- आ रही है दिवाली,
खुशियां ला रही है दिवाली,
शुरू कर दो जश्न की तैयारी,
आपको मिलने आ रही हैं खुशियां प्यारी-प्यारी.
हैप्पी दिवाली इन एडवांस
3- आने वाली दिवाली खुशियां लेकर आए,
आपके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आए,
दिवाली से पहले हमारी है यही शुभकामनाएं,
आप जो चाहें इस दिवाली वो सब मिल जाए.
हैप्पी दिवाली इन एडवांस
4- आने वाली है दिवाली,
आपके घर आएं मां लक्ष्मी,
दूर हो जाएं आपके सारे दुख-दर्द,
आपका जीवन खुशियों से भर जाए.
हैप्पी दिवाली इन एडवांस
5- पटाखों की आवाज,
खुशियों की बहार,
आप सभी को मुबारक हो,
आने वाला दिवाली का त्योहार.
हैप्पी दिवाली इन एडवांस
गौरतलब है दिवाली के दौरान घरों की साफ-सफाई कर उसे सजाया जाता है. घर-आंगन को रंग-बिरंगी लाइटों से रोशन किया जाता है. इसके साथ ही मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है. दिवाली से जुड़ी मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि लंकापति रावण का संहार करने के बाद दिवाली के पावन अवसर पर ही भगवान राम चौदह वर्षों के वनवास से अयोध्या लौटे थे. उनके आगमन की खुशी में अयोध्या नगरी को दीयों की रोशनी से रोशन किया गया था. कहा जाता है कि दिवाली मनाने की परंपरा तब से शुरु हुई है.