धनतेरस के त्योहार के दिन लोग सोने की खरीददारी करते हैं. इस दिन सोना खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. कोरोना महामारी के कारण सोने के दामों में बढ़ोत्तरी की वजह से लोग सोना खरीदने में असफल थे. फिलहाल धनतेरस पर लोगों के लिए खुशखबरी है. धनतेरस से एक दिन पहले सोने के दामों में भारी गिरावट आयी है. दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत में 662 रुपये प्रति 10 ग्राम घटी, बुधवार को भी भाव में गिरावट का सिलसिला जारी रहा. बुधवार को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 50,650 रुपये था, जबकि 22 कैरेट का भाव 49,650 रुपये था. अब धनतेरस के दिन लोग दिल खोलकर सोने में इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर आप धनतेरस पर गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो जरुरी नहीं हैं कि आप गहने या सोना ही खरीदें. सोने में इन्वेस्टमेंट आप कई तरीके से कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Dhanteras 2020: धनतेरस के दिन इस शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना, घर में होगी धन धान्य की बरसात
दो तरीके से कर सकते हैं सोने में इन्वेस्ट:
गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करने का मतलब यह नहीं कि आप सोना खरीदें. इसमें इन्वेस्टमेंट के दो तरीके हैं, कागजी और भौतिक (Paper And Physical). आप गोल्ड फिजिकल रूप से ज्वेलरी, सिक्के, और सोने के बिस्कुट के रूप में खरीद सकते हैं. और ऑन पेपर इसमें इन्वेस्टमेंट के लिए आप गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) (gold exchange traded funds (ETFs) और सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) ( sovereign gold bonds ) का उपयोग कर सकते हैं. आप गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. आप गोल्ड एमएफ (फंड ऑफ फंड) में भी निवेश कर सकते हैं, ये अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण खनन कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं.
फिजिकल गोल्ड ज्वेलरी में इन्वेस्टमेंट के नुकसान:
फिजिकल गोल्ड ज्वेलरी को लॉकर में सुरक्षित रखने के लिए काफी भुगतान करना पड़ता है. ऊपर से डिज़ाइन्स पुराने होने पर मार्केट में उसके दाम भी घट जाते है. सोने के आभूषण बनाने के लिए मेकिंग चार्जेस सोने की लागत के 6 प्रतिशत से 14 प्रतिशत के बीच होता है और यह विशेष डिजाइन के मामले में 25 प्रतिशत तक अधिक हो सकता है, जिसकी बाद में कोई रिकवरी नहीं होती.
पेपर गोल्ड गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF):
अधिक लागत-प्रभावी तरीके से पेपर गोल्ड के मालिक होने का एक वैकल्पिक तरीका गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ) है. इस तरह के निवेश (खरीद और बिक्री) स्टॉक एक्सचेंज पर होता है. जिसमें अंतर्निहित संपत्ति (underlying asset) के रूप में सोना होता है. उच्च प्रारंभिक खरीद और यहां तक कि बिक्री के प्रभार जो आभूषण, बार या सिक्कों के मालिक हैं, कम लागत वाली सोने एफएएफ को अतिरिक्त बढ़त देते हैं. मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता एक और लाभ है. जिस मूल्य पर इसे खरीदा जाता है वह संभवतः सोने की वास्तविक कीमत के सबसे करीब है और इसलिए बेंचमार्क भौतिक सोने की कीमत है. आप इसे नियमित एसआईपी प्लान के जरिये खरीद सकते हैं. आप 1 ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं.
यदि आप भौतिक सोने और डिजिटल ने सोकी तुलना करते हैं, तो आप देखेंगे कि पेपर या डिजिटल इन्वेस्टमेंट एक बेहतर विकल्प साबित होता है. इससे आपको अपने सोने की सेक्योरिटी की चिंता नहीं रहती और आप इसमें 1,000 प्रति माह जमा कर सकते हैं.