Dev Deepawali 2022 Wishes: देव दीपावली की इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं
कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली की शाम पतित पावनी मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है. इस दिन दीपदान किया जाता है और देव दिवाली मनाई जाती है. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Dev Deepawali 2022 Wishes in Hindi: हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली (Deepawali) का त्योहार मनाए जाने के करीब 15 दिन बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देवताओं की दीपावली होती है, जिसे देव दिवाली (Dev Diwali) या देव दीपावली (Dev Deepawali) कहा जाता है. इस साल देव दीपावली का पर्व 7 नवंबर 2022 को मनाया जा रहा है. इस शुभ अवसर पर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पावन नगरी काशी (Kashi) में गंगा घाटों को सजाया जाता है और दीयों से रोशन कर देव दीपावली मनाई जाती है. इस पर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली मनाने के लिए स्वर्ग लोक से सभी देवी-देवता काशी नगरी में आते हैं, इसलिए इस रात बनारस के 84 घाटों को लाखों दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली की शाम पतित पावनी मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है. इस दिन दीपदान किया जाता है और देव दिवाली मनाई जाती है. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर दम खुशियां हो साथ,
कभी दामन न हो खाली,
हम सबकी तरफ से,
विश यू हैप्पी देव दिवाली.
देव दीपावली की शुभकामनाएं
2- दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आंगन हो,
पटाखों की गूंज से आसमान रोशन हो,
ऐसी आए झूम के ये देव दिवाली,
कि हर तरफ खुशियों का मौसम हो.
देव दीपावली की शुभकामनाएं
3- गंगा आरती,
घाटों पर शंखनाद,
शिव के मंत्रों का उद्घोष,
कितना अद्भुत और प्रफुल्लित,
करने वाला है ये धार्मिक वातावरण.
आइए मिलकर आराधना करें,
और मनाएं देव दिवाली...
देव दीपावली की शुभकामनाएं
4- प्यार की बंसी बजे,
प्यार की बजे शहनाई,
खुशियों के दीप जले,
दुख कभी न ले अंगड़ाई.
देव दीपावली की शुभकामनाएं
5- मुस्कुराते-हंसते दीप तुम जलाना,
जीवन में नई खुशियों को लाना,
दुःख दर्द अपने भूलकर,
सबको गले लगाना, सबको गले लगाना.
देव दीपावली की शुभकामनाएं
देव दीपावली से जुड़ी प्रचलित कथा के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर नामक तीन भाइयों की तिकड़ी के आतंक से देवताओं को मुक्ति दिलाई थी. त्रिपुरासुर का संहार करने के चलते ही भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता है. त्रिपुरासुर का संहार होने की खुशी में सभी देवी-देवताओं ने दीप प्रज्जवलित करके देव दीपावली मनाई थी, इसलिए हर साल काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.