Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi 2024 Messages In Marathi: शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर इन WhatsApp Stickers, HD Images, Wallpapers के जरिए करें उन्हें याद
छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म के समय भारत मुगल आक्रमणकारियों से घिरा हुआ था और मुगल सल्तनत ने दिल्ली समेत पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था. जब हिंदुओ पर संकट की घड़ी आई तो उन्होंने महज 15 वर्ष की आयु में हिंदू साम्राज्य को स्थापित करने के लिए पहला आक्रमण किया. शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर आप इन मराठी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को अपनों संग शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi 2024 Messages In Marathi: मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले महाराष्ट्र (Maharashtra) के वीर योद्धा व महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि (Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi) हर साल 3 अप्रैल को मनाई जाती है. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है और उनकी वीरता की मिसाल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में दी जाती है. गंभीर बीमारी के चलते शिवाजी महाराज ने 3 अप्रैल 1680 को पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में अपने प्राण त्याग दिए थे. उनका जन्म 19 फरवरी 1630 में शाहजी भोसले और माता जीजाबाई के घर हुआ था. मुगलों को परास्त कर मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम जब भी लिया जाता है, हर कोई गर्व और ऊर्जा से भर जाता है.
छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म के समय भारत मुगल आक्रमणकारियों से घिरा हुआ था और मुगल सल्तनत ने दिल्ली समेत पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था. जब हिंदुओ पर संकट की घड़ी आई तो उन्होंने महज 15 वर्ष की आयु में हिंदू साम्राज्य को स्थापित करने के लिए पहला आक्रमण किया. शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर आप इन मराठी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को अपनों संग शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
2- हिंदवी स्वराज्याचे संस्थापक
छत्रपती शिवाजी महाराज यांना
स्मृतिदिनानिमित्त मानाचा मुजरा!
3- छत्रपती शिवाजी महाराजांना पुण्यतिथी निमित्त विनम्र अभिवादन!
4- छत्रपती शिवाजी महाराजांना पुण्यतिथी निमित्त त्रिवार वंदन!
5- छत्रपती शिवाजी महाराजांना पुण्यतिथी निमित्त त्रिवार अभिवादन!
गौरतलब है कि छत्रपति शिवाजी महाराज युद्ध में कुशल रणनीति तैयार करने में सक्षम थे और गोरिल्ला युद्ध में पारंगत थे. अपने इसी युद्ध कौशल की मदद से शिवाजी ने बीजापुर के शासक आदिलशाह को मौत के घाट उतार दिया और बीजापुर के चार किलों पर कब्जा कर लिया. उनकी वीरता और पराक्रम के किस्सों से औरंगजेब घबरा गया था और उसने संधि वार्तालाप के बहाने आगरा बुलाकर, छल से उन्हें बंदी बना लिया. हालांकि शिवाजी महाराज फल की टोकरी में बैठकर मुगलों के बंदीगृह से भाग निकले. उसके बाद उन्होंने मुगल सल्तनत के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया.