Chandra Grahan/ Lunar Eclipse 2019: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को, जानिए कहां-कहां आएगा नजर और किन राशियों पर पड़ेगा इसका प्रभाव

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 16 जुलाई 2019 को लगेगा जो भारत के अलावा कई देशों में नजर आएगा. चंद्र ग्रहण कभी भी किसी के लिए शुभकारी नहीं होता है, इसलिए इससे बचने के लिए सावधानियां बरतनी पड़ती है. चंद्र ग्रहण का असर विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरह से होता है.

चंद्रग्रहण (Photo Credits: Wikipedia)

Chandra Grahan/ Lunar Eclipse 2019: 16 जुलाई 2019 मंगलवार के दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगेगा. यह ग्रहण भारत (India) में तो दिखेगा ही साथ ही यूरोप के अधिकांश भाग अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी एवं दक्षिण पूर्व अमेरिका प्रशांत एवं हिंद महासागर से भी नजर आयेगा. यह चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse)16 जुलाई एवं 17 जुलाई के मध्य रात्रि 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर सुबह 4.30 मिनट तक रहेगा.

विद्वानों के अनुसार लगभग 149 साल पूर्व 12 जुलाई 1870 को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ऐसा चंद्र ग्रहण लगा था. उस समय चंद्रमा, शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था. उधर सूर्य एवं राहु एक साथ मिथुन राशि में थे, लेकिन भारत में यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. गौरतलब है कि इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को लगा था. इसे सुपर ब्लड मून भी कहा जाता है. इस रात चांद का रंग लाल रंग के साथ तांबे जैसे रंग में दिखा था. हमारे वेद पुराणों के अनुसार किसी भी तरह का चंद्र ग्रहण देखना शुभ नहीं माना जाता. अगर किसी व्यक्ति विशेष पर चंद्रमा का प्रकोप है तो ज्योतिषियों का मानना है कि यह प्रकोप एक सौ आठ दिनों तक निरंतर बना रहता है.

क्या होता है चंद्र ग्रहण

अंतरिक्ष में पृथ्वी निरंतर सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती रहती है, जबकि चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह होने के नाते वह पृथ्वी की परिक्रमा करती है. इस खगोलीय घटना के दरम्यान कभी-कभी पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. जिस वजह से सूर्य की किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुंच पातीं. इस वजह से पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, लिहाजा कुछ समय के तक पृथ्वी पर से चंद्रमा के दर्शन नहीं हो पाते. इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं.

चंद्र ग्रहण का समय

16 जुलाई 2019 की मध्य रात्रि 1.30 मिनट पर शुरू होकर प्रातःकाल 4 बजकर 30 मिनट तक चंद्र ग्रहण रहेगा.

ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति

ज्योतिषाचार्य श्री रवींद्र पाण्डेय के अनुसार 16 जुलाई की रात लगने वाले साल के अंतिम चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में होंगे. ग्रहों की ऐसी स्थिति होने के कारण ग्रहण का प्रभाव और भी अधिक प्रभावशाली हो सकता है. क्योंकि राहु और शुक्र सूर्य के साथ रहेंगे. साथ ही चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में सूर्य रहेगा. ऐसे में मंगल नीच का हो जाएगा. ग्रहण के समय ग्रहों की यह स्थिति प्रभावित व्यक्ति के मन में तनाव बढ़ा सकती है. इसके साथ ही भूकंप की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता. कहीं कहीं पर चक्रवाती तूफान और बाढ़ जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं. यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, इसके प्रकोप से बचने के लिए करें इन चीजों का दान

चंद्र ग्रहण के समय रखें ध्यान

चंद्र ग्रहण कभी भी किसी के लिए शुभकारी नहीं होता, यही वजह है कि ग्रहण के दरम्यान देश के लगभग सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं. मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की जाती. इस दरम्यान कोई शुभ कार्य नहीं किये जाते. विशेषकर गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सजग रहना पड़ता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण के दौरान वायुमंडल में बैक्टीरिया और संक्रमण का प्रयोग तेजी से बढ़ जाता है. ऐसे में भोजन में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है की ग्रहण के पूर्व का बना हुआ खाना खाने से मना किया जाता है. चूंकि इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है, इसलिए ग्रहण से पूर्व गुरु पूजन अथवा अन्य सारे शुभ कार्य सूतक लगने से पूर्व कर लेना चाहिए. ध्यान रहे कि 16 जुलाई की शाम 4.30 बजे सूतक शुरू हो जायेगा.

रवींद्र पाण्डेय के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण पर इन 8 राशियों मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर पर अच्छा असर नहीं रहेगा, ग्रहण काल के दौरान इन सभी राशि वालों को अपना हर कार्य काफी सोच समझ कर करना होगा. जबकि कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों पर इस ग्रहण का कोई असर नहीं रहेगा. लेकिन बेहतर यही होगा कि कोई भी व्यक्ति चंद्र ग्रहण खुली आंखों से न देखे.

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