Chaitra Navratri 2019: चैत्र नवरात्रि में पूरे विधि-विधान से करें मां दुर्गा की पूजा, जानिए क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि 2019 (Photo Credits: Facebook)

Chaitra Navratri 2019: चैत्र नवरात्रि  (Chaitra Navratri) की शुरुआत आज शनिवार से हो गई है. यह वो खास दिन होगा जब मां दुर्गा (Maa Durga) अपने भक्तों के बीच उनकी समस्त मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए आएंगी. ऐसे में भक्त भी मां भगवती के स्वागत की तैयारियां जोरों-शोरों से कर रहे हैं. हालांकि साल में 4 नवरात्रि आते हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है और बाकी की 2 नवरात्रि में भक्त पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. सर्दियों के मौसम के खत्म होने के बाद चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है, जबकि सर्दियों के मौसम के शुरु होने पर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरु होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है.

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना या कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के बाद नवरात्रि के पर्व का शुभारंभ होता है, लेकिन कलश स्थापना शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat) में ही किया जाना चाहिए. अगर आप भी चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना करने जा रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि. यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2019: 6 अप्रैल से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानें किस दिन करनी चाहिए किस शक्ति की पूजा

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 अप्रैल 2019 की दोपहर 1 बजकर 36 मिनट से ही प्रतिपदा तिथि लग जाएगी और अगले दिन यानी 6 अप्रैल को 2 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी. हालांकि नवरात्रि का आरंभ 6 अप्रैल को सूर्योदय के बाद ही माना जाएगा, इसलिए इसी दिन कलश स्थापना की जाएगी.

नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र प्रतिपदा के दिन सुबह 9 बजकर 57 मिनट के बाद से कलश स्थापना की जा सकती है, लेकिन 12 बजकर 6 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा और इस मुहूर्त में कलश स्थापना करना शुभ होगा.

शुभ मुहूर्त- 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक.

कलश स्थापना व पूजा विधि-

  • नवरात्रि में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, फिर पूजा घर में कलश स्थापित करने से पहले उस जगह को अच्छे से साफ कर लें. अब इस जगह पर लकड़ी की एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर, मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करें.
  • कलश स्थापित करने के लिए एक मिट्टी के बर्तन में जौ और मिट्टी डालकर उसमें थोड़ा जल डालें, फिर लाल कपड़े से कलश को लपेटकर उसे जौ के बर्तन पर रख दें.
  • कलश के किनारे चारों तरफ अशोक के पेड़ के पत्ते लगाएं और उसके अंदर सुपारी व सिक्का डालकर उसे दिए से ढंक दें. इसके ऊपर गाय के घी का एक दीप प्रज्जवलित करके रख दें.
  • नवरात्रि में दुर्गा सप्तशति का पाठ करना मंगलकारी माना जाता है. इसका पाठ मां दुर्गा को बहुत प्रिय है. इसके अलावा नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक मां को गुडहल का फूल अर्पित करें. इससे मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं. यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2019: माता सती के 4 अज्ञात शक्तिपीठ, जिनको लेकर आज भी रहस्य है बरकरार

भगवती दुर्गा की उपासना और आराधना के लिए नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद खास माना जाता है. मान्यता है कि इन दिनों जो व्यक्ति भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना करता है, मां भगवती उनकी हर मुराद पूरी करती हैं.