एक बार फिर वर्ष का वह समय है, जब दुनिया भर के मुसलमान रमजान (Ramzan) या रमदान (Ramadan) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. यह उनका एक पवित्र महीना है जिसमें पैगंबर मुहम्मद कुरआन ले आये थे. रमजान में लंबे समय तक रोजा रखना इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. कई लोग रमज़ान को अपने जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ बनाते हैं, जहां वे इस दुनिया के धोखे से मुक्त होते हैं, बुरी आदतों को विराम देने के बजाय तोड़ते हैं, दुआ करते हैं. दान देते हैं, कम सोते हैं और अधिक इबादत करते हैं. यह भी पढ़ें: Ramadan 2023: कब शुरू हो रहा है रमजान का महीना? पहली बार रोजा रखने वालों के लिए आवश्यक जानकारियां!
इबादत के माध्यम से अपने विश्वास को मजबूत करने और कुरान के पाठ में वृद्धि करने के लिए, दुनिया भर के मुसलमान सोमवार को चांद दिखने का इंतजार कर रहे हैं, जो रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत को चिह्नित करता है. इस्लाम चंद्र या हिजरी कैलेंडर का अनुसरण करता है जो चंद्रमा के सायकल के चरणों पर आधारित होता है और इसमें सौर या जॉर्जियाई कैलेंडर के विपरीत 354 दिन होते हैं जो बाकी दुनिया अनुसरण करती है. चांद दिखने के बाद रमजान के महीने की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में अपने करीबियों और प्रियजनों को शुभकामनाएं देने के लिए हम आपके लिए ले आए हैं, कुछ लेटेस्ट चांद मुबारक मैसेजेस. जिन्हें आप अपने प्रियजनों को भेजकर रमजान के चांद की बधाई दे सकते हैं.
1- ऐ चांद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना,
खुशी का दिन और हंसी की शाम देना,
जब वो करें तेरा दीदार बाहर आकर,
उनको मेरी तरफ से रमजान मुबारक कह देना.
चांद मुबारक!
2- तू मेरी दुआओं में शामिल है इस तरह,
फूलों में होती है खुशबू जिस तरह,
अल्लाह तुम्हारी जिंदगी में इतनी खुशियां दें,
जमीन पर होती है बारिश जिस तरह...
चांद मुबारक!
3- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
और आपको हमारी तरफ से,
चांद मुबारक!
4- खुदा करे हर रात चांद बनकर आए,
दिन का उजाला शाम बनकर आए,
कभी ना दूर हो आपके चेहरे की मुस्कुराहट,
हर दिन ऐसा मेहमान बनकर आए.
चांद मुबारक!
5- चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको...
चांद मुबारक!
रमजान हर साल 10 या 11 दिन पहले होता है और रमजान का रोज़ा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जहां पालन करने वाले मुसलमान सुबह से शाम तक खाने-पीने से परहेज करते हैं और पारंपरिक रूप से इफ्तार में खजूर के साथ अपना रोज़ा तोड़ने, यानी इफ्तारी के लिए इकट्ठा होते हैं.