
Ashadhi Ekadashi 2025 Wishes in Hindi: देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) यानी आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) हिंदुओं द्वारा मनाई जाने वाली पवित्र एकादशियों में से एक मानी जाती है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए भक्त इस दिन व्रत रखकर श्रीहरि की विधि-विधान से पूजा करते हैं. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आषाढ़ी एकादशी मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के शयनकाल के प्रारंभ का भी प्रतीक है, क्योंकि इस दिन से श्रीहरि क्षीरसागर में चार महीने की गहन योग निद्रा के लिए चले जाते हैं, इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. इस साल 6 जुलाई 2025 को आषाढ़ी एकादशी मनाई जा रही है, जिसे महा एकादशी, पद्मा एकादशी, शयन एकादशी, सर्वपापहरी एकादशी, हरिशयनी एकादशी और पद्मनाभा एकादशी जैसे कई नामों से जाना जाता है. भारत के कई हिस्सों में व्यापक रूप से श्रद्धा के साथ इस एकादशी के पर्व को मनाया जाता है.
आषाढ़ी एकादशी महाराष्ट्र में प्रसिद्ध पंढरपुर वारी यात्रा के अंत का भी प्रतीक है, जहां हजारों लोग भगवान विष्णु के एक रूप भगवान विठोबा की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. 17 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा भक्ति, गीत और उत्सव से भरी होती है, जिसमें देश भर से तीर्थयात्री आते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टेटस, एचडी इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए शुभ आषाढ़ी एकादशी कह सकते हैं.





गौरतलब है कि आषाढ़ी एकादशी पर देहू और आलंदी से महाराष्ट्र के पंढरपुर के प्रसिद्ध विठोबा मंदिर तक वार्षिक पंढरपुर यात्रा हजारों लोगों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है, जिसे वारकरी कहा जाता है. पंढरपुर यात्रा विठोबा मंदिर की तीर्थयात्रा है, जिसे विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है. इस यात्रा की पंरपरा 700 सालों से भी अधिक समय से निभाई जा रही है. आषाढ़ी एकादशी के दिन महाराष्ट्र में भगवान विट्ठल और रुक्मिणी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. इस पर्व को महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.