
Ashadha Gupt Navratri 2025 Wishes in Hindi: मां दुर्गा (Maa Durga) की भक्ति और उपासना के नौ दिवसीय महापर्व नवरात्रि (Navratri) को वैसे तो साल भर में 4 बार मनाया जाता है, लेकिन उनमें चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) और शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है. इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून 2025 से शुरु हो रही है और इसका समापन 4 जुलाई 2025 को होगा. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के अलावा दस महाविद्याओं की विशेष रूप से साधना की जाती है. इन दस महाविद्याओं में मां काली, मां तारा, मां छिन्नमस्ता, मां षोडशी, मां भुवनेश्वरी, मां त्रिपुर भैरवी (त्रिपुर सुंदरी), मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला शामिल हैं. कहा जाता है कि इन दस महाशक्तिशाली देवियों की जिन भक्तों पर कृपा हो जाती है, उनके लिए इस संसार में कुछ भी असंभव नहीं होता है.
जो लोग तंत्र-मंत्र और सिद्धियों की कामना रखते हैं, उनके लिए गुप्त नवरात्रि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. यही वजह है कि तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए गुप्त नवरात्रि में साधक 10 महाविद्याओं की विशेष रूप से साधना करते हैं. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के इस दिव्य अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपने प्रियजनों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
हर घर में विराजी अंबे मां, हम सबकी जगदंबे मां!
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभकामनाएं

मुक्ति का धाम है मां
हमारी भक्ति का आधार है मां
सबकी रक्षा की अवतार है मां
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभकामनाएं

कोई भी आरजू ना रहे अधूरी
करते हैं हाथ जोड़कर मां दुर्गा से बिनती
कि आपकी हर मनोकामना हो पूरी
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभकामनाएं

सरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो
और मां दुर्गा के आशीर्वाद से
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो!
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुभकामनाएं

हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार
अपने पावन कदमों से मां आए आपके द्वार
मुबारक हो आपको नवरात्रि का त्योहार!

गौरतलब है कि गुप्त नवरात्रि आम लोगों के बीच ज्यादा प्रचलित नहीं है, क्योंकि इसे तंत्र-मंत्र और सिद्धियों की प्राप्ति की चाह रखने वाले लोगों के लिए खास माना जाता है. आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में सामान्य लोग मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. इसके अलावा अघोरी, तांत्रिक तंत्र-मंत्र और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए दस महाविद्याओं की साधना करते हैं.