Alvida Jumma Mubarak 2023 Messages: रमजान महीने के आखिरी दिन जुमत-उल-विदा का मुस्लिम समुदाय द्वारा सामाजिककरण किया जाता है. रमजान आमतौर पर इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवें महीने में आता है. रमजान शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द 'अल रम्ज़' से हुई है जिसका अर्थ है झुलसना. रमजान मुसलमानों के लिए एक पवित्र महीना माना जाता है और इस महीने के दौरान मुसलमान रोज़ा रखते हैं. जुमत-उल-विदा पवित्र कुरान की शुभकामनाओं का प्रतीक है. यह त्योहार रमजान के अंतिम शुक्रवार को चिह्नित करने के लिए इस्लामी समुदाय द्वारा विश्व स्तर पर मनाया जाता है. जुमत-उल-विदा शब्द दो शब्दों 'जुमा' और 'विदा' से मिलकर बना है. जुमा का अर्थ है इकट्ठा होना और विदा का अर्थ है विदाई.
यह मुसलमानों के लिए एक विशेष दिन है जो नमाज अदा करने के लिए निकटतम मस्जिदों में जाते हैं. वे मस्जिदों में पवित्र कुरान पढ़ते हैं और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं जैसे कि गरीबों को धन दान करना, गरीबों को खाना खिलाना आदि. जुमा-उल-विदा रमजान महीने की आखिरी प्रार्थना है.
रमजान महीने में आखिरी जुमा के दिन इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत करने के साथ-साथ अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं, क्योंकि उन्हें इस महीने रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और खुदा की इबादत का मौका नसीब हुआ. इसके साथ ही अलविदा जुमा की मुबारकबाद दी जाती है. ऐसे में आप भी जुमा-तुल-विदा पर अपनों को ये हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स भेज सकते हैं.
1. अंधेरों को नूर देता है जिक्र उसका
दिल को सुरूर देता है,
उसके दर पर जो भी मांगो,
वह अल्लाह है जरूर देता है,
अलविदा जुम्मा मुबारक!
2. या अल्लह आज जुमा की नमाज के बाद जितने भी
हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिए उठे हैं
सब की दुआ कुबूल फरमा
अलविदा जुम्मा मुबारक
3. वो अर्श का चरागाह है
मैं उस के कदमों की धूल हूं
ऐ जिंदगी गवाह रहना
मैं गुलाम-ए-रसूल हूं
अलविदा जुम्मा 2023 मुबारक
4. हवा की खुशबू मुबारक
फिजा को मौसम मुबारक
दिलों को प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से अलविदा जुम्मा मुबारक
5. तस्वीर-ए-कायनात का अक्स है अल्लाह,
दिल को जो जगा दे वो एहसास है अल्लाह,
ऐ बंदे-मोमिन तेरा दिल क्यों उदास है,
हर पल हर लम्हा तेरे पास है अल्लाह
अलविदा जुमा मुबारक
मुस्लिम समुदाय विश्व में सद्भाव, शांति और सफलता के लिए प्रार्थना करता है. मुसलमानों का मानना है कि इस दिन जो भी दुआएं मांगी जाती हैं, उन्हें खुदा जरूर कुबूल करता है. मस्जिदों के भीतर, उस दिन बड़ी संख्या में आने वाले भक्तों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाती है. पुजारी भक्तों को पवित्र कुरान का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.