महाशिवरात्रि 2021 (Photo Credits: Fila Image)
Maha Shivratri ,10 मार्च: हिंदू धर्म (Hindu Religion) शास्त्रों के अनुसार ओंकारेश्वर भगवान शिव को बेल-पत्र से पूजा जाना बेहद प्रिय है! मान्यता है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन पर्व पर शिवजी के नाम से उपवास रखते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव जी भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. कहते हैं कि गलती से भी अगर आपके हाथों शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ जाता है तो भी भगवान शिव उतने ही प्रसन्न होते हैं. खैर यह तो रही बेल पत्र की आध्यात्मिक महिमा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेल पत्र आपके सौंदर्य एव सेहत के लिए भी संजीवनी बूटी साबित हो सकता है? यह भी पढ़े: Mahashivratri 2021 Mehndi Designs: महाशिवरात्रि पर अपने हाथों पर रचाएं मेहंदी, देखें खूबसूरत डिजाइन्स
आइये जानें कैसे
शैव संप्रदाय सहित सभी शिव भक्त यूं तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करते हुए बेल पत्र चढ़ाते हैं, और उन्हें खुश कर अभीष्ट फलों की प्राप्ति करते हैं. कहा जाता है कि जब से सृष्टि का सृजन हुआ है भगवान भोलेनाथ की पूजा बेलपत्र से की जा रही है. धार्मिक मान्यतानुसार बेलपत्र ब्रह्म, विष्णु और महेश यानी शिव जा का प्रतीक है का प्रतीक है. इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि बेलपत्र वस्तुतः भगवान शिवजी के त्रिनेत्र का प्रतीक है.
त्वचा को स्निग्ध एवं रोग मुक्त बनाती है
अगर आपके चेहरे पर किसी भी प्रकार के दाग-धब्बे, कील-मुंहासे, झाइयां, सलवटें इत्यादि आ गयी हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, इन सबका रामबाण है बेलपत्र. इसके लिए बेल के ताजे पत्तों को बारीक पीसकर लेप बनाएं और दिन में दो बार चेहरे पर हलके हाथों से रगड़ें. दो घंटे बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. एक हफ्ते में चेहरे पर दिव्य निखार आ जायेगा. चेहरा खिल उठेगा.
मधुमेह एवं तमाम बीमारियों के लिए रामबाण है
कम लोग ही जानते हैं कि इस तीन पतों की तिकड़ी वाला बेलपत्र सेहत एवं सौंदर्य के लिए भी कम लाभदायक नहीं है. इसमें तमाम किस्म के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न किस्म की बीमारियों में रामबाण दवा है. खासकर मधुमेह के मरीजों की तीव्रता से लाभ पहुंचाता है. एक सर्वे के अनुसार बेलपत्र से से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है. इन रोगों के एक्सपर्ट भी मानते हैं कि ताजा बेलपत्र में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन, कैल्सियम, राइबोफ्लोबिन, पोटैशियम, फाइबर जैसे तमाम पोषक तत्व निहित होते हैं. जो मरीजों को कई बीमारियों से ठीकर करते हैं.
पाचन क्रिया सुचारु करता है
असमय, असंतुलित एवं अव्यवहारिक खानपान के कारण आये दिन पेट संबंधी रोगियों की संख्या बढ़ रही है, इस वजह से कब्ज, बदहजमी, अपच, एसिडिटी, अफारा आदि की समस्या पैदा होती है. पेट संबंधी सभी रोगों को बेलपत्र के जरिये लाभ अर्जित किया जा सकता है. गर्मी के दिनों में पके बेल के फल की शरबत पीने से लू का खतरा कम हो जाता है, शरीर शीतल और पाचन तंत्र ठीक से काम करने लगता है.