Akshaya Tritiya 2024 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है. अक्षय यानी जिसका कभी क्षय न हो या फिर कभी नाश न हो, इसलिए इस तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को करने के लिए मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है. इस पूजा-पाठ, दान-पुण्य, जप-तप जैसे शुभ कार्यों से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. शुभ या नए कार्यों की शुरुआत करने के साथ ही इस दिन सोने के गहनों की खरीदारी और माता लक्ष्मी (Mata Lakshami) की पूजा का विशेष महत्व होता है.
शास्त्रों में अक्षय तृतीया तिथि को स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त माना गया है, जिसका मतलब है इस तिथि पर बिना मुहूर्त का विचार किए सभी प्रकार के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं. अक्षय तृतीया एक ऐसा पर्व है जिसके लिए लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स को भेजकर अपनों को अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- दिल से दिल मिलाते रहिए,
हमारे घर आते-जाते रहिए,
अक्षय तृतीया का मौका है पावन,
खुशियों के गीत गाते रहिए.
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
2- मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसे,
हर कोई आपसे लोन लेने को तरसे,
माता रानी आपको दें इतना धन,
कि आप चिल्लर को तरसें.
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
3- अक्षय तृतीया पर सोने जैसी हो चमक आपकी,
मां लक्ष्मी की कृपा से चारों ओर तरक्की हो आपकी,
इस पावन दिन पर सभी कष्ट मिट जाएं आपके,
धन-वैभव की देवी घर आएं आपके.
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
4- सफलता आपके कदम चूमती रहे,
खुशियां आस-पास घूमती रहे,
घर में हो धन की भरमार,
आपको मिले अपनों का प्यार,
ऐसा हो आपके लिए अक्षय तृतीया का त्योहार.
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
5- अक्षय तृतीया आई है,
संग अपने खुशियां लाई है,
हमने सुख-समृद्धि पाई है,
चारों ओर प्रेम की बहार छाई है.
अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश, सोने-चांदी के आभूषण, घर, भूखंड या वाहन आदि की खरीदारी जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर नए व्यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्य, दान-पुण्य,पूजा-पाठ इत्यादि से मिलने वाले पुण्य फलों की कभी समाप्ति नहीं होती है. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है.