Akshaya Tritiya 2021 Hindi Wishes: आज (14 मई 2021) देश में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस त्योहार को हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (Tritiya Tithi) को मनाया जाता है. अक्षय तृतीया साल का एक ऐसा स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है, जब किसी भी नए काम को शुरु करने के लिए शुभ मुहूर्त या पंचांग को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है. अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है. हालांकि इस साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second Wave of Coronavirus) के प्रकोप बीच अक्षय तृतीया मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu), माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) और भगवान परशुराम (Lord Parshuram) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
अक्षय तृतीया साल की सबसे पावन और मंगलकारी तिथि मानी जाती है, इसलिए इस दिन गृह प्रवेश, पूजा-पाठ, शादी ब्याह जैसे मांगलिक कार्य किए जाते हैं. हिंदू धर्म में खास महत्व रखने वाली इस तिथि की आप अपनों को बधाई न दें, ऐसा कैसे हो सकता है. आप इन प्यारे हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस और कोट्स के जरिए अपनों को हैप्पी अक्षय तृतीया विश कर सकते हैं.
1- शुभ अवसर पर शुभ संदेश,
शुभ दिन का आरंभ हो खास,
इस अक्षय तृतीया पर,
मां लक्ष्मी का हो घर में वास.
हैप्पी अक्षय तृतीया
2- इस अक्षय तृतीया भगवान की कृपा आप पर बनी रहे,
आपको जीवन में सारी खुशियां मिलें,
आपके जीवन में कभी कोई दुख न आए,
इस अक्षय तृतीया भगवान से यही प्रार्थना करते हैं.
हैप्पी अक्षय तृतीया
3- दिल का दरवाजा खोल दो,
जो मन में है बोल दो,
अक्षय तृतीया की खुशियों में,
प्रेम की मिठास घोल दो.
हैप्पी अक्षय तृतीया
4- अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर,
भगवान विष्णु की कृपा बनी रहे,
आपको और आपके परिवार को,
कामयाबी, अच्छी सेहत और ढेर सारी खुशियां मिलें.
हैप्पी अक्षय तृतीया
5- नोटों से भरी जेब हो,
खुशियों से भरा संसार,
इस अक्षय तृतीया पर मिले,
आपको अपनों का प्यार.
हैप्पी अक्षय तृतीया
गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा है. माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है और घर में हमेशा बरकत बनी रहती है. इसके साथ ही इस दिन जप-तप, दान और स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कर्म और दान-स्नान से कभी न खत्म होने वाले अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि इस दिन श्रीहरि के छठे अवतार भगवान परशुराम अवतरित हुए थे, इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है.