Akshay Tritiya 2022: जानें अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त? इस दिन किनकी करें पूजा, क्या है इसका महात्म्य, पूजा-विधि एवं मुहूर्त?
Akshaya Tritiya 2022 (Photo Credits: File Image)

Akshay Tritiya 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्लपक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का पर्व मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और सृष्टि के कर्ता-धर्ता श्रीहरि की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन अर्जित किया पुण्य अक्षय होता है. इस दिन सोना, चांदी जैसे कीमती धातु के आभूषण एवं सिक्के आदि खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है. अगर आप भी सोना आदि खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बड़े काम का हो सकता है. जानें किस मुहूर्त में सोना खरीदें, एवं क्या है, इस दिन का महात्म्य, पूजा-विधि एवं मुहूर्त.. यह भी पढ़ें: Vrat And Festivals of May 2022: मई माह में अक्षय तृतीया एवं ईद-उल-फित्र के साथ साल का पहला सूर्य ग्रहण एवं पहले चंद्र ग्रहण के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण तिथियां पड़ रही हैं, देखिये मई माह की पूरी सूची!

देवी लक्ष्मी मंत्र

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:

श्रीहरि मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।

पूजा के अंत में भगवान विष्णु जी की आरती उतारें एवं प्रसाद को लोगों में वितरित कर देना चाहिए.

अक्षय तृतीया पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

विभिन्न हिंदी पंचांगों के अनुसार 03 मई, मंगलवार 2022 को 05.39 AM से 12.18 PM बजे तक

विभिन्न पंचांगों के अनुसार सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्तः 05.18 AM (03 मई, मंगलवार 2022) से

शुभ मुहूर्तः 05.38 AM (04 मई, बुधवार 2022) तक

अक्षय तृतीया का महात्म्य!

हिंदू शास्त्रों में इस दिन को साल का सर्वश्रेष्ठ दिन बताया गया है. इसे अबूझ मुहूर्त यानी बिना पंचांग देखे शुभ-मंगल कार्य किये जाने वाला अत्यंत पवित्र दिन माना गया है. जैसा कि इसके शब्द 'अक्षय' से ही ज्ञात होता है, 'कभी क्षय (कम) नहीं होने वाला'. इस दिन किए गए अच्छे कर्मों या यज्ञ, जप, दान और पुण्य जैसे शुभ कार्यों का लाभ कभी कम नहीं होता है. यह दिन विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे शुभ कार्य, नए निवेश, नया घर, नया उद्योग आदि शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन शुरू किये गए कार्य बड़ी सफलता दिलाती है. बहुत से लोग साल भर धन का आगम बने रहने के लिए इस दिन सोने में निवेश करना शुभ मानते हैं.

ऐसे करें पूजा-अर्चना

प्रातः सूर्योदय से पहले जागकर स्नानादि करके स्वच्छ अथवा नवीन वस्त्र पहनें. पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें. सर्वप्रथम प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी के सामने धूप-दीप प्रज्जवलित कर उनका आह्वान मंत्र पढ़ते हुए पुष्प, दूर्वा, अक्षत, रोली आदि अर्पित करने के पश्चात माँ लक्ष्मी एवं श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए. लक्ष्मी जी और विष्णुजी की प्रतिमा को पीला वस्त्र, पीला फूल, रोली, पीला चंदन, तुलसी दल अर्पित करें. दूध, चावल, चना दाल एवं शक्कर से बना प्रसाद अर्पित करें. पूजा करते समय लक्ष्मी जी एवं श्रीहरि के ये मंत्र अवश्य जपें.