Ajmer Sharif Urs 2024: हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स शुरू! अजमेर में दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत!
सैयद गुलबुद्दीन सखी, खादिम के अनुसार शिकवे-शिकायतों की यह बड़ी अनोखी रस्म होती है. श्रद्धालु अपनी फरियादों के अनुसार एक अनोखा अनुष्ठान करते हैं. उस समय उन्हें हम पीने के लिए चंदन-युक्त पानी देते हैं. यह पवित्र जल चंदन, गुलाब जल, इत्र, और केवड़ा का मिश्रण होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष दरगाह पर लगाया जाता है.
अजमेर (राजस्थान) स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के प्रतिष्ठित दरगाह का दिव्य जन्नती द्वार गत शुक्रवार की सुबह-सवेरे दर्शन के लिए खोला गया, जिसमें दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया. ये तीर्थयात्री जन्नती द्वार के माध्यम से आस्ताना शरीफ में प्रवेश करने की संभावना से अति उत्साहित नजर आ रहे हैं, उनकी खुशी और उत्सुकता को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. Muslim Girl Sings Ram Bhajan: जम्मू कश्मीर की इस छात्रा ने पहाड़ी भाषा में गाया राम भजन, वीडियो देख लोगों ने जमकर की तारीफ
इस्लामिक तिथि के अनुसार दरगाह का यह पवित्र जन्नती द्वार 6 रजब तक खुला रहेगा. इसका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स से गहरा नाता है. जन्नती द्वार से गुजरते हुए श्रद्धालु इसे अपने सौभाग्य का प्रतीक मानते हुए, ख्वाजा साहब की दिव्य उपस्थिति में मनोकामनाएं एवं प्रार्थना व्यक्त करते हैं. ..
ऐसी मान्यताएं हैं कि इन दिनों जो भी श्रद्धालु इस दिव्य द्वार से गुजरते हैं, उन्हें ख्वाजा साहब की आशीर्वाद प्राप्त होता है. इन श्रद्धालुओं का जन्नती द्वार के प्रति विशेष आस्था है, क्योंकि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज खुद अपने हुजरे (कक्ष) में इसी दरवाजे से प्रवेश और निकास करते थे. हजरत ख्वाजा साहब की दरगाह पर 850 वर्षों से चली आ रही परंपरा में, गरीब नवाज के पवित्र निवास पर आने वाले श्रद्धालु एक विशेष अनुष्ठान में शामिल होते हैं. इस संदर्भ में खादिम सैयद गुलबुद्दीन का मानना है कि जब भक्त अपनी इच्छाओं और शिकायतों को व्यक्त करते हैं, तो उन पर विशेष चंदन-युक्त जल अर्पित किया जाता है.
बताया जाता है कि पिछले "850 वर्षों से हजरत ख्वाजा साहब की दरगाह पर इस परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है.
सैयद गुलबुद्दीन सखी, खादिम के अनुसार शिकवे-शिकायतों की यह बड़ी अनोखी रस्म होती है. श्रद्धालु अपनी फरियादों के अनुसार एक अनोखा अनुष्ठान करते हैं. उस समय उन्हें हम पीने के लिए चंदन-युक्त पानी देते हैं. यह पवित्र जल चंदन, गुलाब जल, इत्र, और केवड़ा का मिश्रण होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष दरगाह पर लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस अनुष्ठान का बहुत आध्यात्मिक महत्व है, जो शारीरिक दर्द, विभिन्न बीमारियों और नकारात्मक ऊर्जा से राहत प्रदान करता है. श्रद्धालु इसे श्रद्धेय हज़रत ख्वाजा साहब से एक पवित्र संबंध मानते हुए, इस परंपरागत उत्सव में बड़ी श्रद्धा एवं आस्था से शरीक होते है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल को पवित्र चादर भेंट की. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान अजमेर शरीफ के दरगाह पर पवित्र चादर चढ़ाई जायेगी.