भारतीय महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी पर अहोई व्रत का पालन करती हैं. यह व्रत दिवाली से 6-7 दिन पहले और करवा चौथ के चार दिन बाद मनाया जाता है. इस वर्ष, अहोई अष्टमी रविवार, 8 नवंबर को मनाई जा रही है. माताएं एक दिन का उपवास रखती हैं और आकाश में तारे देखने के बाद अपना व्रत का पारण करती हैं. कुछ स्थानों पर माताएं चंद्रमा के दर्शन के बाद अपना उपवास तोड़ती हैं. इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 08 नवंबर को सुबह 07:29 बजे से शुरू होगी. अहोई अष्टमी 09 नवंबर को सुबह 06:50 बजे समाप्त होगी. इसलिए अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को रखा जाएगा. अहोई अष्टमी के दिन, अहोई माता की पूजा उचित अनुष्ठानों और विधियों के साथ की जाती है. इस दिन पूजा का समय शाम को 01 घंटे 19 मिनट है.
आपको अहोई अष्टमी की पूजा शाम 05:37 से शाम 06:56 के बीच करनी चाहिए. अहोई अष्टमी का व्रत तारों के दर्शन के साथ समाप्त होता है. इस शुभअवसर पर लोग एक अहोई अष्टमी के ग्रीटिंग और मैसेज भेजकर शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी आपने प्रियजनों को अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेज भेजकर दे सकते हैं.
हैप्पी अहोई अष्टमी!
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं!
अहोई अष्टमी की बधाई!
आपको और आपके परिवार को अहोई अष्टमी की
हार्दिक बधाई!
अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
अहोई शब्द का अर्थ अनहोनी है और मां पार्वती किसी भी प्रकार की अनहोनी को टालने वाली होती हैं. इस कारण ही अहोई अष्टमी के व्रत के दिन मां पार्वती की अराधना की जाती है. सभी माताएं इस दिन अपनी संतानों की लंबी आयु और किसी भी अनहोनी से रक्षा करने की कामना के साथ माता पार्वती व सेह माता की पूजा-अर्चना करती हैं.