Ahoi Ashtami 2021 Messages in Hindi: अखंड सौभाग्य के पर्व करवा चौथ (Karwa Chauth) के बाद चौथे दिन अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत किया जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उसके खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है और यह तिथि (28 अक्टूबर 2021) आज है. इस दिन संतान की कामना रखने वाली महिलाएं और जिनके बच्चे हैं वो उनकी सलामती के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. इस दिन संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन की कामना से भगवान शिव-माता पार्वती (Lord Shiva- Mata Parvati), भगवान गणेश (Lord Ganesh) और अहोई माता (Ahoi Mata) की पूजा की जाती है. इसके बाद रात में तारों को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाता है.
अहोई अष्टमी व्रत किसी भी प्रकार की अनहोनी टालने वाली मानी जाती है. इस दिन भक्तिभाव से व्रत रखकर विधि-विधान से पूजन करने पर माता अहोई प्रसन्न होती है और बच्चों को दीर्घायु प्रदान करती हैं. अहोई अष्टमी के इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस, कोट्स और वॉलपेपर्स को प्रियजनों के साथ शेयर करके उन्हें हैप्पी अहोई अष्टमी कह सकते हैं.
1- मां अहोई का व्रत है आज,
एक-एक तारा देखूं आज,
अर्घ्य दिया मैंने आपको मां आज,
कर दो अब ये जीवन साकार...
हैप्पी अहोई अष्टमी
2- खुशियां हो ओवरफ्लो,
मस्ती कभी न हो लो,
अपनों का प्यार बना रहे,
घर में भरी माया रहे,
शोहरत, समृद्धि की हो बौछार,
ऐसा हो अहोई अष्टमी का त्योहार.
हैप्पी अहोई अष्टमी
3- अहोई माता के दरबार में हम सब आ गए हैं,
माता की दया से हम सब में प्यार है,
माता की दया हम सब पर बारिश की तरह बरसे...
हैप्पी अहोई अष्टमी
4- अहोई माता का व्रत आता है हर बार,
माता रखे खुले हमेशा अपने द्वार,
भर दें खुशियों से हमारा संसार,
हम ऐसे ही मनाते रहें अहोई अष्टमी का त्योहार.
हैप्पी अहोई अष्टमी
5- मां का दरबार सजा दो,
प्रेम से संसार सजा दो,
ज्योत जलेगी जब मां के नाम की,
उसमें अपने बुरे विचार जला दो
हैप्पी अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी पूजा की तैयारी सूर्यास्त से पहले की जाती है और दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाई जाती है. पानी से भरा एक कलश लकड़ी की चौकी पर मां अहोई की तस्वीर की बाईं ओर रखा जाता है. इसके बाद अहोई माता को चावल और दूध चढ़ाया जाता. इसके साथ ही हलवा और पूरी का भोग लगाना चाहिए. व्रत के दौरान हाथ में सात अनाज लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनी जाती है और आखिर में माता अहोई की आरती की जाती है, फिर रात में तारों के पूजन के बाद व्रत खोला जाता है.