Dev Uthani Ekadashi 2024: भगवान विष्णु के योग-निद्रा से जागते ही बजने लगेगी शहनाइयां! जानें इस साल विवाह योग्य कितने शुभ मुहूर्त बन रहे हैं!
देवउठनी एकादशी 2024 (Photo Credits: File Image)

कार्तिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी, जिसे देवत्थान एकादशी अथवा देव उठनी एकादशी भी कहते हैं, के साथ ही चातुर्मास समाप्त होगा और घरों में शहनाइयां बजनी शुरू हो जाएंगी. इसी दिन भगवान विष्णु योग-निद्रा से जागृत होंगे, तथा देवी तुलसी से उनका विवाह सम्पन्न होगा. सर्वविदित है कि चातुर्मास आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी (17 जुलाई 2024 से 12 नवंबर 2024) के दरमियान शुभ-मंगल कार्यों मसलन शुभ विवाह, संस्कार, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है. मान्यता है कि योग-निद्रा काल में भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं. आइये जानते हैं. तुलसी विवाह से शुरू हो रहे विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए शुभ तिथियां...

नवंबर दिसंबर में इतने दिन बजेंगी शहनाइयां!

चातुर्मास के चार माह की लंबी प्रतीक्षा के पश्चात 12 नवंबर 2024, दिन मंगलवार को तुलसी विवाह के साथ ही घरों में शादी की शहनाइयां बजने लगेगी. ज्योतिषाचार्य श्री संजय शुक्ल के अनुसार इस वर्ष विवाह के कुल 18 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. गौरतलब है कि 15 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक खरमास लगने के कारण विवाह समारोहों पर एक बार पुनः प्रतिबंधित हो जाएंगे. आइये देखते हैं, इस वर्ष 12 नवंबर 2024 से 15 दिसंबर 2024 तक के शुभ विवाह के मुहूर्त की सिलसिलेवार सूची. यह भी पढ़ें : Dreams about Crime: सपने में जब आप खुद को किसी अपराध में लिप्त पाते हैं! जाने ऐसे सपनों पर क्या कहता है स्वप्न शास्त्र?

नवंबर 2024 के विवाह मुहूर्तों की सूची

12 नवंबर (मंगलवार) भगवान विष्णु के योग-निद्रा से जागृत होने के कारण यह सर्वोत्तम शुभ दिन है.

13 नवंबर (बुधवार) को तुलसी-विवाह का दिन है. यह दिन भी बेहद शुभ है.

15 नवंबर (मंगलवार) कार्तिक पूर्णिमा अबूझ मुहूर्तों के समान शुभदायी है

16 नवंबर (शनिवार) रोहिणी नक्षत्र का संयोग

17 नवंबर (रविवार) का दिन भी विवाह के शुभ माना जा रहा है.

18 नवंबर (सोमवार) मृगशिरा नक्षत्र का संयोग

22 नवंबर (शुक्रवार) के दिन मघा नक्षत्र का संयोग है.

25 नवंबर (सोमवार) उत्पत्ति एकादशी है.

28 नवंबर (बृहस्पतिवार) स्वाति नक्षत्र का संयोग है.

दिसंबर 2024 के विवाह मुहूर्त

04 दिसंबर (बुधवार) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और चतुर्थी तिथि का शुभ संयोग है.

05 दिसंबर (गुरुवार) के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और पंचमी तिथि का संयोग बन रहा है.

09 दिसंबर (सोमवार) के दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि पड़ रही है.

10 दिसंबर (मंगलवार) के दिन रेवती नक्षत्र और एकादशी तिथि पड़ रही है.

14 दिसंबर (शनिवार) को पूर्णिमा है, इसलिए यह दिन भी शुभ है.