तनाव मुक्त होना है तो रोना सीख लीजिए, जानिए इससे होने वाले सेहतमंद फायदे
इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि खुलकर हंसना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन हकीकत तो यह भी है कि फूट-फूट कर रोना भी सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है. रोने से सेहत को उतना ही फायदा होता है, जितना हंसने से होता है.
इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि खुलकर हंसना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन हकीकत तो यह भी है कि फूट-फूट कर रोना भी सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है. रोने से सेहत को उतना ही फायदा होता है, जितना हंसने से होता है. बात करें जापान की तो वहां की सरकार अपने नागरिकों को तनाव मुक्त रखने के लिए एक नया तरीका अपना रही है. यहां स्थित कंपनियां और स्कूल कर्मचारियों और छात्रों को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्हें हंसाने की बजाय रुलाने पर ज्यादा जोर दे रही है. यहां तक की रोने से होने वाले फायदों के बारे में लोगों को बताने के लिए खास तरह के ट्रेनर भी तैयार किए जा रहे हैं.
दरअसल, आंसू के तीन प्रकार बताए गए हैं. रेफलेक्सिव, कंटीनिअस और इमोशनल. इनमें से तीसरे प्रकार का आंसू यानी इमोशनल क्राइंग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है.
जापान में हुए एक अध्ययन में खुलासा
रोने से होने वाले फायदों को जानने के लिए जापान की एक हाई स्कूल टीचर हीदेफूमी योशिदा और तोहो यूनिवर्सिटी के मेडिकल फैकल्टी के प्रमुख प्रोफेसर हिदेहो अरिटा शोध कर चुके हैं. इन दोनों के प्रयोग और रिसर्च से साबित हुआ है कि हंसने के मुकाबले रोने से तनाव ज्यादा जल्दी खत्म होता है. इतना ही नहीं हफ्ते में एक बार रोने से स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने में बड़ी मदद मिलती है. यह भी पढ़ें: साइकिल चलाने से होने वाले इन फायदों से कहीं आप भी अंजान तो नहीं
मनोचिकित्सक भी देते हैं रोने की सलाह
क्या वाकई में रोने से तनाव दूर होता है ? इसका पता लगाने के लिए 16 साल पहले ही 30 देशों में एक सर्वे हुआ था. इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 60 फीसदी से ज्यादा लोगों ने यह स्वीकार किया था कि तनाव से लड़ने में रोना उनके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ. इतना ही नहीं दुनिया भर के तकरीबन 70 फीसदी मनोचिकित्सक भी तनाव से जूझ रहे लोगों को रोने की सलाह देते हैं.
रोने से होते हैं ये फायदे
- नीदरलैंड्स में हुई एक स्टडी के अनुसार, भावुक होकर रोने से मूड बेहतर होता है. रोने के बाद हमें इसलिए अच्छा महसूस होता है, क्योंकि रोने के दौरान तनाव के कारण उत्पन्न हुए केमिकल्स बाहर निकल जाते हैं.
- विशेषज्ञों के अनुसार, कभी-कभार रोना अच्छा होता है, क्योंकि इससे तनाव कम होता है और हार्ट व मस्तिष्क को क्षति नहीं पहुंचती है. इसलिए अगर हमारे बच्चे रोते हैं तो उन्हें रोने से नहीं रोकना चाहिए.
- बिना भावुक हुए रोने से भी सेहत को फायदे हैं. दरअसल, प्याज काटते समय उसमें से एक रसायन निकलता है जो आंखों की सतह तक पहुंचता है और इससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है. इससे छुटकारा पाने के लिए आंसू ग्रंथियां आंसू निकालती हैं, जिससे आंखों तक पहुंचा रसायन धुल जाता है.
- आंखों से निकलने वाले आंसुओं में लाइसोजाइम होता है जो एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल होता है. इसके अलावा इससेआंखों की सतह की कोशिकाएं मजबूत होती हैं
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रोने से हमारे नाक की सफाई भी हो जाती है. दरअसल, आंसू शरीर के भीतर अश्रु नलिका से होकर नासिका तक पहुंचते हैं, जिससे नाक में जमा गंदगी साफ हो जाती है. बता दें कि रोने के दौरान अक्सर नाक बहने लगती हैं जिससे उसके भीतर जमा गंदगी और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं.