COVID-19 Vaccine Trials: Oxford-AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन में फिर होगा शुरू
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. स्वास्थ्य नियामक प्राधिकरण से हरी झंडी मिलने के बाद AstraZeneca के वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. ट्रायल शुरू होने के बाद एक बार फिर कोविड-19 वैक्सीन का मानव पर परीक्षण किया जा सकेगा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. स्वास्थ्य नियामक प्राधिकरण (Medicines Health Regulatory Authority) से हरी झंडी मिलने के बाद AstraZeneca के वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. ट्रायल शुरू होने के बाद एक बार फिर कोविड-19 वैक्सीन का मानव पर परीक्षण किया जा सकेगा. एक वॉलंटियर के बीमार पड़ जाने की वजह से ट्रायल को बीच में रोकना पड़ा था. इसके बाद भारत में भी इस वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी गई थी. यह भी पढ़ें: Oxford-AstraZeneca COVID-19 Vaccine: कोरोना महामारी से निपटने के प्रयासों को बड़ा झटका, इस वजह से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल पर लगी अस्थायी रोक
कंपनी ने शनिवार 12 सितंबर को बयान में कहा कि,' एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल ब्रिटेन में एक बार फिर शुरू कर दिया गया है. Medicines Health Regulatory Authority ने इसके सेफ होने की पुष्टि कर दी है. बता दें कि गुरूवार 9 सितंबर को एक महिला के वैक्सीन लेने के बाद उसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित होने लगे, जिसके बाद वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया गया. महिला पर किए गए ट्रायल की वजह से महिला में ट्रांसवर्स माइलाइटीस (transverse myelitis) के लक्षण दिखाई देने लगे, जो रीढ़ की हड्डी में होनेवाला दुर्लभ सूजन है, जिसके कारण परिक्षण को रोक दिया गया. ये बात एस्ट्राजेनेका के ड्रगमेकर और प्रवक्ता मैथ्यू केंट ने गुरूवार को कही. लेकिन अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जिसने शुरू में COVID-19 वैक्सीन को विकसित किया था, AstraZeneca वैक्सीन के यूके परीक्षण को फिर से शुरू करेगा.
देखें ट्वीट:
ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगाने के बाद भारत में भी इस वैक्सीन को तैयार कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ने भी ट्रायल को रोकने का ऐलान कर दिया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने इस घटना को दुनिया के लिए एक 'वेक अप कॉल' बताते हुए वैश्विक समुदाय को चिकित्सा अनुसंधान के उतार-चढ़ाव के बारे में आगाह किया. यह भी कहा कि परीक्षण के दौरान अब तक टीका लगवा चुके लोगों की सुरक्षा निगरानी बढ़ाए. साथ ही योजना और रिपोर्ट पेश करें.