Chanakya Niti: जल जीवन है तो जहर भी है! जानें आचार्य चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा?

ज्यों-ज्यों मौसम गरम होता है, फीजिशियन से लेकर आहार विशेषज्ञ तक लोगों को ज्यादा से ज्यादा जल अथवा लिक्विड पदार्थ लेने का सुझाव देते हैं. यह सच भी है, क्योंकि गरमी के कारण पसीने और यूरिन  आदि के कारण शरीर से जल ज्यादा निकलता है, जिसकी भरपाई के लिए जल अथवा लिक्विड पदार्थों को बढ़ाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस फैक्ट के विपरीत आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि जल जीवन अवश्य है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही से यही जल जहर भी बन सकता है.

Chanakya Niti

ज्यों-ज्यों मौसम गरम होता है, फीजिशियन से लेकर आहार विशेषज्ञ तक लोगों को ज्यादा से ज्यादा जल अथवा लिक्विड पदार्थ लेने का सुझाव देते हैं. यह सच भी है, क्योंकि गरमी के कारण पसीने और यूरिन  आदि के कारण शरीर से जल ज्यादा निकलता है, जिसकी भरपाई के लिए जल अथवा लिक्विड पदार्थों को बढ़ाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस फैक्ट के विपरीत आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि जल जीवन अवश्य है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही से यही जल जहर भी बन सकता है. आइये जानें चाणक्य नीति में ऐसा क्यों कहा गया है...

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं अर्थ शास्त्र का महापंडित माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि उन्होंने ज्योतिष और आयुर्वेदिक विषयों पर भी बहुत सारे ग्रंथ लिखें हैं, क्योंकि इन विषयों पर भी उन्हें गहरा ज्ञान था. उन्होंने अपनी नीति में स्पष्ट रूप से लिखा है कि जल जीवन है, मगर गलत समय पर पानी पीने से वह जहर भी साबित हो सकता है, जो शरीर को क्रमशः कमजोर बनाता है.

अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्।

भोजने चाऽमृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।

चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे होती है अच्छे-बुरे इंसान की पहचान

चाणक्य नीति के आठवें अध्याय के सातवें श्लोक में उपयुक्त श्लोक का वर्णन किया गया है कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. इस समय पीया गया पानी आपके लिए जहर की तरह कार्य कर सकता है. जब तक खाना पूरी तरह पच न जाए, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. खाना खाने के बाद डेढ़ से दो घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए. खाने के साथ अथवा खाने के तुरंत बाद ज्यादा पानी पीने से भोजन के पचने में दिक्कतें आती हैं. इससे शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिलते, तथा पेट के तमाम रोगों की संभावनाएं रहती है. यह भी पढ़ें :Gudi Padwa 2023 Mehndi Designs: गुड़ी पड़वा के इस शुभअवसर पर मेहंदी से अपने हाथों की सुंदरता में लगाएं चार चांद, यहाँ देखें लेटेस्ट विडियो

कब करें जल ग्रहण!

चाणक्य नीति के अनुसार खाना खाने के बाद कम से कम डेढ़ से दो घंटे तक जल ग्रहण करने से बचना चाहिए. खाना खाने के बाद ज्यादा पानी पीने से आपके खाने का डाइजेशन सुचारू रूप से नहीं होता. इस कारण से कब्ज, गैस, खट्टी डकारें एवं अपच जैसी समस्या परेशान कर सकती है, जिससे शरीर कमजोर होता जाता है. चाणक्य के अनुसार खाने से एक घंटे पहले आवश्यक पानी पी लेना चाहिए.

विज्ञान भी चाणक्य की बात सत्यापित करता है!

चिकित्सकों के अनुसार खाने के साथ पानी पीने से पाचन तंत्र कमजोर होता है. इस वजह से पेट में गैस, सीने में जलन होती है. खाना खाते हुए पानी पीते रहने से खाने में मौजूद पोषक तत्व पानी में घुलकर यूरिन के साथ बाहर निकल जाते हैं. इससे शरीर को आवश्यक न्यूट्रिएंट्स नहीं मिलते, जिसकी वजह से आपकी इम्युनिटी भी कमजोर होती है. खाना खाने के साथ पेट में गैस्ट्राइटिस (जठराग्नि) बढ़ती है, जो वस्तुतः यह खाना पचाने का कार्य करती है. खाने के साथ या खाने के तुरंत बाद पानी पीने से जठराग्नि कम होती है, जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता. पेट में भारीपन और अपच की समस्या होती है.

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