Brain Stroke: ठिठुरती सर्दी दे सकता है ब्रेन स्ट्रोक को आमंत्रण! जरा सी लापरवाही हो सकती है घातक! जानें लक्षण, कारण और निवारण!
पिछले कुछ सप्ताह से दिल्ली, हरियाणा समेत समस्त उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा है. बढ़ती ठंड के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में खांसी, सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी छोटी-मोटी समस्याएं बढ़ी हैं, वहीं दिल्ली गुड़गांव और उत्तर भारत के कई मैदानी भागों में ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अस्थमा के मामले भी तेजी से बढ़े हैं.
पिछले कुछ सप्ताह से दिल्ली, हरियाणा समेत समस्त उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा है. बढ़ती ठंड के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में खांसी, सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी छोटी-मोटी समस्याएं बढ़ी हैं, वहीं दिल्ली गुड़गांव और उत्तर भारत के कई मैदानी भागों में ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अस्थमा के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. जरा-सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. लिहाजा जरूरी है कि इन तमाम बीमारियों से समय रहते बचने के लिए आवश्यक एहतियात बरतें. यहां दिल्ली के व्यावसायिक चिकित्सक डॉ जीतेंद्र सिंह उपरोक्त समस्याओं के कारण, लक्षण और निवारण के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं.
कब और क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक?
डॉक्टर जितेंद्र सिंह के अनुसार शीतलहर अथवा कड़कती ठंड में रक्त नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं में रुकावट या रक्तस्राव या तो बाधित होता है या फिर मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति कम होने लगती है. इससे मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन या पोषक तत्व नहीं मिलते हैं और मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. ऐसी स्थिति में कभी-कभी मस्तिष्क के नस के फटने का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है. यह समस्या ज्यादातर हृदय के उन रोगियों की होती है, जिनका ब्लड प्रेशर काफी तेजी से फ्लकचुएट (उतरना-चढ़ना) करता है. डॉक्टर जितेंद्र के अनुसार ऐसी स्थिति में पीड़ित को बिना विलंब किये किसी अच्छे अस्पताल ले जाकर गहन चिकित्सा करवानी चाहिए.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण!
* बोलने या समझने में परेशानी महसूस होना
* आंखों से धुंधला दिखना, सिर दर्द, उल्टी और जी मचलना जैसी अनुभूति
* शरीर में संतुलन बनाने अथवा खड़े होने या चलने में तकलीफ होना
* सांस लेने में तकलीफ
* पक्षाघात अथवा कमजोरी (विशेष रूप से चेहरे या शरीर के एक तरफ)
* शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन लगना.
* शरीर पर झुनझुनी अथवा चीटियां रेंगने जैसा महसूस होना.
सावधानी बरतें सुरक्षित रहें
* सर्दी के दिनों में घर पर हल्का-फुल्का व्यायाम या योग करें, लेकिन जिम ना जायें.
* अगर आपके शहर में बहुत ज्यादा ठंड है तो अनावश्यक बाहर नहीं निकलें.
* नमक का सेवन कम करें, विशेष रूप से खाने में ऊपर से नमक लेने से बचें, भले ही खाने में नमक कम क्यों ना हो.
* सर्दी के दिनों में तंबाकू, शराब अथवा स्मोकिंग से दूर रहें.
* तेज ठंड में बाग में नंगे पांव चलने से बचें.
* बीपी, शुगर और थायराइड की दवा लेते हैं तो इसे एक दिन के लिए भी न रोकें.
* प्यास नहीं लग रही है फिर भी पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिएं.
* रात को सोने से पूर्व और सुबह उठने पर ठंडा पानी हरगिज नहीं पीयें.
सर्दी में पानी नियमित पीते रहें
सर्दी में प्यास कम लगती है, इस वजह से लोग बहुत कम मात्रा में पानी पीते है. अकसर ब्रेन-स्ट्रोक में पानी की कमी बहुत बड़ी भूमिका निभाती है, क्योंकि पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन होता है, जिसके कारण शरीर का रक्त गाढ़ा हो जाता है, इससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है. जिससे ब्रेन स्ट्रोक के अलावा हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है. इसलिए नियमित पानी पीयें. इसके अलावा सुबह एवं रात को सोने से पूर्व कोशिश करें कि पानी गुनगुना गरम करके ही पीयें.