‘भारत रत्न’ राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो राष्ट्र की सेवा स्वरूप दिया जाता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, खेल, सार्वजनिक सेवा आदि शामिल है. इस सम्मान पुरस्कार की स्थापना 02 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा की गई थी. प्रारंभ में इस सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन 1955 में यह प्रावधान जोड़ा गया. इसके पश्चात 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया. एक अन्य नियम के अनुसार एक साल में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ‘भारत रत्न’ पुरस्कार दिया जा सकता है. आइये जानते हैं देश के इस सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार के बारे में कुछ जानकारी योग्य बातें.
‘भारत रत्न’ चुनने की प्रक्रिया
प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को दिये जाने वाले ‘भारत रत्न’ पुरस्कार के लिए भारत के प्रधानमंत्री व्यक्ति विशेष के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं. राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाने के पश्चात भारत रत्न प्राप्त करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है. कोई भी व्यक्ति जाति, पेशा, पद या लिंग के आधार पर अंतर किये बिना इस पुरस्कार के योग्य माना जा सकता है. ‘भारत रत्न’ पुरस्कार साल में अधिकतम तीन व्यक्ति को दिया जा सकता है, लेकिन यह भी आवश्यक नहीं है कि हर वर्ष ‘भारत रत्न’ दिया ही जाए. अब तक 48 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है. यह भी पढ़ें : Saphala Ekadashi 2024 Date: कब है सफला एकादशी व्रत? जीवन में सफलता पाने के लिए ऐसे करें व्रत एवं पूजा!
क्या मिलता है भारत रत्न विजेताओं को?
* जब पहली बार ‘भारत रत्न’ की शुरुआत हुई थी, तो इसका पदक 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण पदक था, और इस पर सूर्य बना हुआ था. ऊपर हिंदी में ‘भारत रत्न’ लिखा होता था, और नीचे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और वाक्य लिखा होता था.
* भारत सरकार की ओर से जारी प्रमाण पत्र और एक मेडल दिया जाता है, मगर कोई धनराशि नहीं दी जाती.
* भारत रत्न विजेता को सरकारी महकमे में हर तरह की सुविधाएं प्राप्त होती हैं. यानी उन्हें रेलवे की तरफ से मुफ्त यात्रा सुविधा मिलती है.
* ‘भारत रत्न’ विजेता को अहम सरकारी कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है.
* सरकार वारंट ऑफ प्रेसिडेंट में उन्हें जगह देती है. भारत रत्न विजेता को प्रोटोकॉल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उप प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है.
* राज्य सरकारें भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं.
* इस सम्मान को अपने नाम से पहले या बाद में जोड़ा नहीं जा सकता, भारत रत्न धारक को अपने बायोडाटा, लेटर हेड या विजिटिंग कार्ड जैसी पत्रकों पर राष्ट्रपति द्वारा ‘भारत-रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ लिख सकते हैं.