Bhai Dooj 2019: कब है भाई दूज? जानें इसका महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

त्योहारों का दौर शुरू हो चुका है, दशहरा ख़त्म होने के बाद जल्द ही दीवाली आनेवाली है. चारों और दीवाली की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं. दीवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है, इसके बाद छोटी दीवाली, दीवाली, गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज के साथ समापन होता है.

भाई दूज 2019, (फोटो क्रेडिट्स: Wikimedia Commons)

Bhai Dooj 2019: त्योहारों का दौर शुरू हो चुका है, दशहरा ख़त्म होने के बाद जल्द ही दीवाली आनेवाली है. चारों और दीवाली की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं. दीवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है, इसके बाद छोटी दीवाली, दीवाली, गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज के साथ समापन होता है. भाई दूज, भाइ और बहन के बीच प्यार का प्रतिक है. इस दिन बहनें भाइयों के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाती हैं और उनकी समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाइ बहन को कोई उपहार देते है और पूरी उम्र अपनी उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. भैया दूज को भाऊ बीज, भातृ द्वितीया, भैया द्वितीया और भतरु द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

ये त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस त्योहार को उत्तर भारत में धूम धाम से मनाया जाता है. भाई दूज को दीवाली के आखिरी दिन यानी पांचवे दिन मनाया जाता है.

भैया दूज पर्व तिथि व मुहूर्त 2019

भाई दूज तिथि – मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019

भाई दूज तिलक मुहूर्त - 13:11 से 15:23 बजे तक (29 अक्टूबर 2019)

द्वितीय तिथि प्रारंभ - 21:07 बजे से (29 अक्टूबर 2019 )

द्वितीय तिथि समाप्त - 21:20 बजे तक (29 अक्टूबर 201)

भाई दूज का महत्व:

इस  त्योहार को पश्चिम बंगाल में भाई फोटा, महाराष्ट्र में भाऊ बीज और देश के दक्षिणी हिस्सों में यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है. यह विभिन्न अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है और इससे विभिन्न लोककथाएं जुड़ी हुई हैं. पौराणिक कथा अनुसार भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन से मिलने पहुंचे. उनकी बहन ने मिठाई, फूल और माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया था. बहन का ये आदर सत्कार श्री कृष्ण को इतना भाया कि उन्होंने उन्हें बहत सारे आशीर्वाद दिए.

भाई दूज देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. बंगाल में भाई फोटा बहनों द्वारा भाई के माथे पर तिलक लगाने के साथ एक विशेष मंत्र पढ़कर मनाया जाता है. हरियाणा में तिलक की रस्म के साथ सूखे नारियल (गोला के रूप में भी जाना जाता है) को कलवा धागे से बांधा जाता है और इसे आरती के समय चढ़ाया जाता है.

महाराष्ट्र और गोवा में इस त्योहार को भाऊ बीज कहते हैं, इस दिन बहनें घर में श्रीखंड, बासुंदी और पूरी बनाती हैं.

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