किस समय देखे सपने सच होते हैं, जानें इस संदर्भ में क्या कहता है मत्स्य पुराण एवं स्वप्न शास्त्र!
स्वप्न शास्त्र में उल्लेखित है कि सपने में दिखने वाले हर घटनाक्रम व्यक्ति विशेष के जीवन और उसके भविष्य को प्रभावित करते हैं, उस पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं. हर प्रहर के सपनों की हकीकत समय के साथ बदलती जाती है.
छोटा हो या बड़ा, स्त्री हो या पुरुष सपनों की बातें हर किसी को रोमांचित करती हैं. सपनों में कोई खुद को आसमान में उड़ते देखता है, तो कोई भूत देखकर दहल जाता है, कोई खुद को शादी में शरीक होते देखता है और कोई मातम में खुद को देखता है. ज्योतिष शास्त्र में हर सपने का कोई ना कोई मतलब होता है. मत्स्य पुराण में भी सपनों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक सपनों को सपना मानकर भूल जाते हैं, दूसरे सपनों को विभिन्न अर्थों में लेते हैं. मत्स्य पुराण में भी उल्लेखित है कि हर सपने सच नहीं होते, वस्तुतः सपने कब और किस समय देखे गए हैं, यह बहुत मायने रखता है. आइए जानते हैं कि कौन से किस समय देखे हुए सपने पूरे हो सकते हैं. यह भी पढ़े: Fulera Dooj 2021: क्या है फुलेरा दूज का महात्म्य और श्रीकृष्ण ने किस तरह लिया राधा के प्रेम की परीक्षा!
स्वप्न शास्त्र में उल्लेखित है कि सपने में दिखने वाले हर घटनाक्रम व्यक्ति विशेष के जीवन और उसके भविष्य को प्रभावित करते हैं, उस पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं. हर प्रहर के सपनों की हकीकत समय के साथ बदलती जाती है. मसलन रात के पहले प्रहर में आप जो सपना देखते हैं, उसके बारे में स्वप्न शास्त्र कहता है कि इसका शुभ फल एक वर्ष के भीतर प्राप्त होता है. जबकि अगले यानी दूसरे प्रहर में देखे गये सपनों का परिणाम नौ से दस माह के अंतराल पर मिलता है. वहीं रात के तीसरे प्रहर में देखे गये सपनों के बारे में स्वप्न शास्त्र का मानना है कि इसका फल तीन माह में मिल जाता है. चौथे यानी अंतिम प्रहर में देखे गये सपनों का परिणाम एक माह के भीतर मिलता है.
भोर में देखे गये सपनों के बारे में तमाम धारणाएं प्रचलित हैं. जैसे स्वप्न शास्त्र जहां सुबह के सपनों के बारे में कहता है कि इसका फल यथाशीघ्र प्राप्त होता है, वहीं कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि सूर्योदय से 72 मिनट पहले जो स्वप्न दिखता है, वह 10 दिन के अंदर होनेवाली घटनाओं का अहसास करवाते हैं. इस समय देखे हुए सपने सीधे रूप में भविष्यवाणी या भावी दर्शन का रूप होते हैं, जबकि कुछ स्वप्नशास्त्रियों की मानें तो स्वप्न देखते हुए किन्हीं कारणों से स्वप्नदर्शी की अचानक नींद टूट जाए और फिर दुबारा नींद नहीं आए तो वह स्वप्न जरूर साकार होते हैं, किन्तु यदि वह पुनः सो जाए तो ऐसे सपने फलहीन हो जाते हैं.
अगर इस समय कोई बहुत बुरा सपना दिख जाए, जिसके बारे में कहा जाता है कि वे जरूर सत्य होंगे, तो ऐसे सपनों के बारे में अपने शुभचिंतक या ईष्टमित्र से जरूर शेयर कर दें, ऐसा करने से स्वप्न का प्रभाव कम या खत्म हो जाता है. अलबत्ता शुभ मंगल वाले स्वप्नों को जितना गुप्त रखेंगे, आपके लिए उतना ही अच्छा होगा.