Assistance Dog Day 2024: कब और क्यों मनाया जाता है सहायक श्वान दिवस? जानें इसका आशय, इतिहास एवं सहायक श्वान के रोचक तथ्य!
श्वान (कुत्ता) एकमात्र ऐसा जानवर है, जिसे सबसे ज्यादा स्वामी भक्त माना जाता है. यही वजह है कि अधिकांश बड़े घरों में श्वान पाले जाते हैं. श्वान में और भी कई विशिष्ठ गुण होते हैं, जो जरूरतमंदों को मदद पहुंचाते हैं.
श्वान (कुत्ता) एकमात्र ऐसा जानवर है, जिसे सबसे ज्यादा स्वामी भक्त माना जाता है. यही वजह है कि अधिकांश बड़े घरों में श्वान पाले जाते हैं. श्वान में और भी कई विशिष्ठ गुण होते हैं, जो जरूरतमंदों को मदद पहुंचाते हैं. इन्हीं गुणों को ध्यान में रखकर प्रत्येक वर्ष 4 अगस्त को सहायक श्वान दिवस (Assistance Dog Day) मनाया जाता है. यह दिवस विशेष सहायक श्वानों की भूमिका और उनके मालिकों के जीवन में उनके महत्व को मान्यता देने के लिए समर्पित है. सहायक श्वान वस्तुतः शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों की मदद करते हैं. जैसे दृष्टिहीनों, कम सुनने वालों अथवा अन्य शारीरिक विकलांगता की पीड़ा झेल रहे लोगों के लिए सहायक का कार्य करते हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें विशेष और महंगी ट्रेनिंग देनी पड़ती है. यहां हम सहायक श्वान दिवस के अवसर बात करेंगे इसके इतिहास, महत्व एवं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य...
सहायक श्वान दिवस का इतिहास
प्राप्त सूत्रों के अनुसार सहायक श्वान दिवस की शुरुआत साल 2009 में मार्सी डेविस ने की थी. डेविस वस्तुतः पैराप्लेजिक श्वान प्रेमी, डेविस इनोवेशन की सीईओ और वर्किंग लाइक डॉग्स डॉट कॉम की संस्थापिका भी हैं. उन्होंने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ डॉग पार्टनर्स के बहुआयामी छत के नीचे अपना जीवन शुरू किया, जो प्रशिक्षित सेवक श्वान के साथ जोड़ी बनाकर विकलांग और अक्षम लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित था. श्वानों को प्रशिक्षित करते समय उस पर आने वाले खर्च के कारण, संगठनों के लिए जागरूकता फैलाना और सहायक कुत्ता दिवस जैसे आयोजनों और छुट्टियों के दौरान आर्थिक मदद लेने की जरूरत पड़ती है. यह देखते हुए कि उनमें से अधिकांश संगठन विकलांग आवेदकों को बिना किसी लागत के सेवा कुत्ते उपलब्ध कराने में सक्षम हैं. यह एक अच्छा संकेत है. यह भी पढ़ें : ED Raid: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में ईडी की बड़ी कार्रवाई, राशन वितरण घोटाले में टीएमसी नेता अनिसुर रहमान को किया गिरफ्तार
सेवा श्वान के बारे में रोचक तथ्य
सेवा श्वान के बारे में कुछ रोचक तथ्य हैं, यहां देख सकते है.
विशेष प्रशिक्षणः सेवा श्वान को बड़े खास तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है. उन्हें न केवल शारीरिक कार्य सिखाये जाते हैं, बल्कि मानसिक व भावनात्मक समर्थन की भी शिक्षा दी जाती है.
मुख्य भूमिकाएः सेवा श्वान विभिन्न भूमिकाओं में मददगार होते हैं, जैसे दृष्टिहीन लोगों के लिए मार्गदर्शन, शारीरिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए सहायता, और मनोवैज्ञानिक मुद्दों वाले व्यक्तियों के लिए भावनात्मक समर्थन करते हैं.
सेंसिंग क्षमताएं: शोध की रिपोर्ट भी बताती है कि श्वानों में अच्छे सेंसर होते हैं. वे इंसानों की भावनाओं को पहचानने में भलिभांति सक्षम होते हैं और उनकी तात्कालिक जरूरतों को आसानी से समझ लेते हैं.
आंतरिक अंगों का पता लगाने में मदद: कुछ श्वानों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे मनुष्य के शरीर के अंदरूनी अंगों की क्षमताओं एवं समस्याओं को पहचान सकें. उदाहरण के लिए कैंसर या शुगर के स्तर में अगर किसी तरह का बदलाव दिखता है तो वे समस्याओं को गंध के आधार पर अनुमान लगा सकते हैं.
नियमित चिकित्सा जांच: सेवा श्वान के लिए नियमित चिकित्सा जांच और वेलनेस चेक-अप आवश्यक होते हैं ताकि वे अपने कार्यों एवं भूमिकाओं को कुशलतापूर्वक निभा सकें. उनका स्वास्थ्य अच्छा होगा, तभी वे अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकेंगे.