Amla Navami 2019: आज 5 नवंबर 2019 के दिन पुरे देश में आंवला नवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी यानी अक्षय नवमी मनाई जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन व्रत रख आंवले के वृक्ष पूजा की जाती है. आज के दिन आंवले के वृक्ष नीचे भोजन बनाया जाता है और भगवान को भोग लगाकर वृक्ष के नीचे ही बैठकर भोजन किया जाता है. इस विधान के पीछे एक पौराणिक कथा है. पौराणिक काल में जब माता लक्ष्मी को भगवान शिव और विष्णु से एक साथ मिलने की इच्छा हुई तब उन्हें ख्याल आया कि भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय है और शिवजी को बेल. आंवले के वृक्ष में तुलसी के गुण होते हैं और फल में बेल जैसे गुण होते हैं. इसलिए माता लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष को भगवान विष्णु और शिव का प्रतिक मानकर उसकी पूजा की. उन्होंने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर भगवान विष्णु और शिव को भोग लगाया. उनकी इस पूजा से दोनों बहुत खुश हुए और प्रकट हुए.उस दिन से कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष नवमी को आंवला पूजन किया जाता है.
आंवला नवमी के शुभ अवसर पर विधि विधान से पूजा कर आप माता लक्ष्मी, भगवान शिव और विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं. कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं. इसलिए आज के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
पूजा मुहूर्त:
वैसे तो इस दिन पुरे दिन पूजा पाठ किया जा सकता है. लेकिन इस दिन पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 06 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक का है. इस मुहूर्त में पूजा करना फलदायी है.
नवमी तिथि प्रारम्भः प्रातः 04.57 मिनट से (5 नवंबर 2019)
नवमी तिथि समाप्त- प्रातः 07.21 मिनट तक (6 नवंबर 2019)
पूजा विधि:
- आंवला नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें साफ़ कपड़े पहनें.
- परिवार व बच्चों के साथ आंवले के पेड़ के पूजन में हिस्सा लें.
- फिर अपने दाहिने हाथ में जल, अक्षत्, पुष्प आदि लेकर व्रत का संकल्प लें.
- पूजा के लिए आंवले के पेड़ के नीचे पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठें.
- गाय के घी से दीप जलाएं और आंवले के पेड़ की आरती करें.
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवले की पूजा करने से त्रिदेव भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव प्रसन्न होते हैं और माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसलिए इस दिन संतान की रक्षा और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए आंवले के वृक्ष का पूजन जरूर करें.