ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने सोनी पिक्चर्स के साथ विलय समझौते को मूर्त रूप देने की मांग करने वाली याचिका राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) से वापस ले ली है. जी एंटरटेनमेंट ने 24 जनवरी, 2024 को एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष यह याचिका दायर की थी. इसमें यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी समूह की कंपनियों कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड एवं बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच के विलय समझौते पर अमल किया जाए.
एक बयान में, Zee ने कहा कि कार्यान्वयन आवेदन वापस लेने का निर्णय उसे सिंगापुर में चल रहे मध्यस्थता में सोनी के खिलाफ अपने सभी दावों को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने में सक्षम करेगा. जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि एनसीएलटी से समझौता क्रियान्वयन आवेदन वापस लेने का कदम निदेशक मंडल को मिली कानूनी सलाह पर आधारित है.
सोनी समूह ने अपनी भारतीय इकाई का ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) के साथ विलय करने संबंधी 10 अरब डॉलर का समझौता 22 जनवरी को रद्द कर दिया था. विलय के बाद बनने वाली इकाई के नेतृत्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध नहीं सुलझ पाने पर सोनी इससे पीछे हट गई थी.
इसके साथ ही सोनी ने विलय समझौते की शर्तों का पालन न किए जाने पर नौ करोड़ डॉलर का हर्जाना मांगा और इस मामले को मध्यस्थता न्यायाधिकरण में लेकर गई. जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स का विलय सौदा अगर पूरा हुआ रहता तो भारत में सबसे बड़ी मीडिया इकाई बनने का मार्ग प्रशस्त होता। लेकिन नई इकाई के नेतृत्व पर सहमति नहीं बन पाने से यह अंजाम तक नहीं पहुंच पाया.