विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक (Zakir Naik) ने कहा कि उनके खिलाफ एनआईए (Ational Investigation Agency) तीन साल से मामले की जांच कर रही है. लेकिन एक भी सबूत नहीं जुटा पाई है. लेकिन सभी के सामने कह रही है कि मैं आतंकी हूं. इससे पहले जाकिर नाइक ने हिन्दू और चीनी लोगों के खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा था कि, मलेशिया में हिंदुओं को भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में सौ गुना ज्यादा अधिकार हासिल हैं. साथ ही उसने कहा कि उसे निष्कासित करने से पहले चीनी मूल के मलेशियाई लोगों को निकाला जाना चाहिए. उसकी इस टिप्पणी के बाद उसे निकाले जाने की मांग तेज हो गई थी. मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाइक के धार्मिक उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी. वैसे तो जाकिर नाइक ने नस्ली टिप्पणी को लेकर माफी मांगी.
जाकरी नाइक का यह बयान उस वक्त आया है जब भारत और मलेशिया के बीच मनमुटाव चल रहा है. दरअसल कश्मीर मसले को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा भारत की आलोचना किया था. बता दें कि मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत लगातार प्रयास कर रहा है. मलेशिया सरकार ने भारत की अपील पर अभी विचार कर रहा है. भारत ने इस प्रक्रिया को तेज करने के लिये कहा है. उधर, नाईक का कहना है कि जब तक वह 'निष्पक्ष सुनवाई' के प्रति सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तब तक वह भारत नहीं लौटेगा.
Zakir Naik statement on National Investigation Agency's allegations on him:It's unfortunate that NIA,having spent over 3yrs investigating me,has been publicly making claims connecting me to terrorism without having in possession a single shred of evidence to support it.(file pic) pic.twitter.com/lYH0sglFMU
— ANI (@ANI) October 16, 2019
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गौरतलब हो कि कट्टरपंथी इस्लामिक प्रचारक जाकिर 2016 में भारत से भाग गया था और उसके बाद से मलेशिया मे रहा है. मलेशिया ने उसे कथित रूप से स्थायी निवासी का दर्जा दे दिया है. नाईक पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के जरिए मानी लॉन्ड्रिंग करने समेत कई आरोप हैं. जाकिर नाइक को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तलाश रही है.