Yogi Cabinet Reshuffle: मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) के बाद अब योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) में भी बड़ा बदलाव हो सकता है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को देखते हुए कैबिनेट में विस्तार के बाद नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश विधानपरिषद की खाली पड़ी चार सीटों को भरने भी तैयीर है. इसके चार नेताओं की चर्चा है. इसमें से एक नाम जितिन प्रसाद (Jitin Prasad,) भी सामने आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), जितिन प्रसाद को विधानपरिषद का सदस्य बना मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं.
बता दें कि जितिन प्रसाद राज्य के कद्दावर ब्राह्मण परिवार से आते हैं, ब्राह्मणों की नाराज़गी दूर करने के लिए योगी की नई कैबिनेट में जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा सकता है. जबकि दूसरा नाम संजय निषाद (Sanjya Nishad, Nishad Party, Uttar Pradesh) का है, जिन्हें यूपी विधान परिषद में भेजा जा सकता है. संजय निषाद, निषाद पार्टी के संस्थापक हैं और चुनाव से पहले बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें उपमुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव मैदान में उतारा जाए.
बीजेपी के बाद अखाड़ा परिषद ने भी Munawwar Rana से कहा, 'जाने की तैयारी करो योगी आ रहे हैं वापस'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय निषाद को भी विधान परिषद भेजा जा सकता है साथ ही उन्हें कैबिनेट में भी शामिल किया जा सकता है. बता दें कि संजय के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर सीट से लोकसभा सांसद हैं. कुल मिलाकर आने वाले वक्त में योगी कैबिनेट में विस्तार के बाद चार से छह नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है.
बता दें कि वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं. यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है. नियमों के मुताबिक, अभी 6 मंत्री पद खाली हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा. इसमें ओबीसी, ब्राह्रण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद योगी सरकार ने 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया था. उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे. कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है. हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हो गई थी.
जबकि कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था. पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी, इसमें तीन नए चेहरे भी थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में साल 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुना होने हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि चुनाव को देखते हुए बीजेपी के सहयोगी दलों और अन्य नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये फैसला लिया है