लखनऊ, 12 नवंबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ग्रामीण आबादी लिए 5,000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करेगी. यह निर्णय समुदायों को उनके घरों के करीब व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और चिकित्सा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से काम किया है. उत्तर प्रदेश में एक और जिले का बदलेगा नाम, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बदायूं के लिए वेदामऊ का दिया सुझाव
इसके अलावा, सरकार ने राज्य में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है. नतीजतन, राज्य के छोटे अस्पतालों से लेकर बड़े अस्पतालों में रेफर करने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है. इन 5,000 नए स्वास्थ्य केंद्रों से स्वास्थ्य योजनाओं को भी सही तरीके से लागू किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग इन नए उपकेंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरण, चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा.
केंद्रों में मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच और संचारी और गैर-संचारी रोगों के उपचार की व्यवस्था होगी. साथ ही योग व व्यायाम, परामर्श, स्वास्थ्य शिक्षा, आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं जैसी गतिविधियां उपलब्ध रहेंगी. टीकाकरण और मातृ स्वास्थ्य जांच और उपचार के अलावा मौसमी बीमारियों को फैलने से रोकने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा. प्रवक्ता ने आगे बताया कि उपकेंद्रों पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मौजूद रहेंगे। मरीजों को उनके इलाज के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भी भेजा जाएगा. केजीएमयू जैसे संस्थानों से छह माह तक प्रशिक्षित स्टाफ नर्सों को सीएचओ के तौर पर तैनात किया जाएगा.