आज भारत समेत दुनियाभर में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जा रहा है. देश में मुख्य आयोजन झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में हुआ. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भाग लिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, 'योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है. योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है. योग सबका है और सब योग के हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, "आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है. ड्राईंग रूम से बोर्ड रूम तक, शहरों के मैदानों से लेकर स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स तक, गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है."
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पीएम मोदी ने कहा, "आज हमारे योग को दुनिया अपना रही है तो हमें योग से जुड़ी रीसर्च पर भी जोर देना होगा. इसके लिए जरूरी है कि हम योग को किसी दायरे को बांध कर ना रखें. योग को मेडिकल, फिजियोथेरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनसे भी जोड़ना होगा." पीएम ने कहा, 'अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है. मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है. क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है.'
पीएम मोदी ने कहा, "आज के बदलते हुए समय में इलनेस से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है. यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है. योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की कोशिशों के कारण ही 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का ऐलान किया था. भारत के प्रस्ताव पर 170 से अधिक देशों ने मंजूरी जताई थी, जो संयुक्त राष्ट्र में इतिहास था. इस बार की थीम की बात करें तो इस बार पर्यावरण के लिए योग (Yoga for Climate Action) है.