Year Ender 2020: साल 2020 समापन पर है, इस साल ने जहां कोरोना जैसी कड़वी यादें दी हैं तो वहीं कुछ ऐसा भी हुआ जिसने हमें आत्मनिर्भर होना सिखाया. 2020 में लॉकडाउन के दौरान पूरी दुनिया थम सी गई, लेकिन इन सबके बीच जो नहीं रुका वो था भारत में स्टार्टअप कंपनियों के खुलने का सिलसिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का मंत्र उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है. और साल 2020 इस क्षेत्र में भारत के लिए काफी अच्छा रहा.
स्टार्टअप का इकोसिस्टम बना भारत-
-मार्च में कोरोना आया, जिसकी वजह से लॉकडाउन लग गया। एक तरह से सब कुछ ठप हो गया। तमाम देशों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर भी कई अर्थशास्त्रियों ने तरह-तरह की भविष्यवाणियां कीं। लेकिन भारतवासियों के प्रयासों के चलते आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है. यह भी पढ़े: National Startup Awards 2021: राष्ट्रीय स्टार्टअप सम्मान के लिए इस तारीख से पहले करें आवेदन, जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें
-फरवरी में देश में थे 29,017 स्टार्टअप
-अगर साल की शुरुआत से नए स्टार्टअप पर नजर डालें तो 26 फरवरी 2020 को उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) द्वारा मान्या प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 29,017 थी.
-लॉकडाउन के दौरान 7 हजार नए स्टार्टअप जुड़े
-कोरोना महामारी भारतीयों की हौसलों को तोड़ने में नाकाम रही, जिसके चलते इस संकट की स्थिति में और मजबूत बन कर सामने और यही वजह है कि देश में जहां कोरोना से पहले जहां 29,017 स्टार्टअप थे वहीं सितंबर 2020 में कुल 36,106 स्टार्टअप हो गए। यानी लॉकडाउन में 7,089 नए स्टार्टअप जुड़े.
-दिसंबर तक संख्या 41 हजार के पार
सितंबर के बाद देश लगभग पूरी तरह से धीरे-धीरे अनलॉक होने लगा. अनलॉक के साथ-सााि स्टार्टअप लॉन्च होन की गति भी बढ़ गई। साल के आखिरी महीने दिसंबर में देश भर में कुल 41,190 स्टार्टअप पहुंच गए। यानी महज 3 महीने में 5084 नए स्टार्टअप और जुड़े. एक समय था जब स्टार्टअप कंपनियां केवल बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, पुणे, नागपुर जैसे शहरों तक सीमित थी। आलम यह है कि आज देश के 77% जिलों में कम से कम एक स्टार्ट-अप जरूर है। यानी कि स्टार्टअप कंपनियां अब पूरे देश में छा चुकी हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े रहे नए स्टार्टअप:
स्टार्टअप में कई सफल लोगों ने समाज और आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं. ऐसे में, भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग ने अच्छे स्टार्टअप्स और इको सिस्टम को बेहतर बनाने वाले स्टार्टअप की पहचान कर उन्हें सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार शुरू किया. ये स्टार्टअप इनोवेटिव प्रोडक्ट या सॉल्यूशन और उद्योग तैयार करने में मदद कर रहे हैं। खास बात ये है कि इनमें रोजगार जुटाने या वेल्थ क्रिएशन की काफी संभावना है। देश में हर क्षेत्र में नए स्टार्टअप जुड़ रहे हैं। जिसमें ई-कॉमर्स, फिनटेक, हेल्थकेयर कृषि, शिक्षा, उद्यम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, वित्त, खाद्य, अंतरिक्ष, सुरक्षा, पर्यटन और शहरी सेवाएं जैसे कई सेक्टर में लोग आ रहे हैं.
सरकार की ओर से किए गए प्रायास.
> स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से भी बढ़ावा दिया जा रहा है और ऐसे लोगों की मदद की जा रही है। यही वजह है कि देश में कुल 41,190 स्टार्टअप स्टार्टअप ने मान्यता दी गई है जो कि 2019 से 50% से अधिक है.
> राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद का गठन किया गया जो कि एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए है.
> पहले राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार - 35 श्रेणियों में 1,641 स्टार्टअप ने भाग लिया.
> फीस भरने पर 2,785 पेटेंट आवेदनों को 80% छूट और 5,494 ट्रेडमार्क आवेदनों को 50% छूट दी गई.
> पूरे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम में सुधार करने के लिए स्टार्टअप्स इकोसिस्टम के समर्थन करने वाले राज्यों की रैंकिंग का दूसरा संस्करण किया गया.
> स्टार्टअप्स को विकसित करने की सुविधा के लिए 39 विनियामक सुधार किए गए.
> आयकर अधिनियम की धारा 54 जीबी के तहत पूंजीगत लाभ पर कर छूट का प्रावधान.
> धारा 80 आईएसी के तहत 3 साल के लिए आयकर छूट और आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत पात्र नुकसान आगे बढ़ जाएगा.
> स्टार्टअप के लिए टर्नओवर मानदंड `100 करोड़ तक बढ़ाए गए.
> अगस्त 2020 तक, 296 स्टार्टअप्स को आयकर अधिनियम के तहत छूट दी गई थी.
किसी अच्छी इंडस्ट्री का पैमाना सिर्फ इनवेस्टर्स के लिए फायदा कमान नहीं बल्कि समाज के लिए बेहतर काम करना भी है.