बीजिंग: भारत और चीन के बीच कुटनीतिक संबध आनेवाले समय में और बेहतर होने सकता है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते को स्वीकार कर लिया है. वह अगले साल भारत का दौरा करेंगे. इस बात की जानकारी विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने बताया कि शी चिनफिंग 2019 में भारत की यात्रा करेंगे.
पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सालाना बैठक के लिए शनिवार को चीन के किंगदाओ शहर पहुंचे थे. एससीओ शिखर सम्मेलन के सीमित सत्र में रविवार को मोदी ने कहा कि कनेक्टिविटी का मतलब केवल भौतिक संपर्क नहीं बल्कि यह लोगों से लोगों का संपर्क है.
उन्होंने कहा कि संपर्क (कनेक्टिविटी) परियोजनाएं भारत की प्राथमिकता हैं लेकिन ऐसे कार्यक्रमों को किसी भी देश की संप्रभुता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. भारत, चीन की बेल्ट एवं रोड परियोजना का विरोध करता रहा है जिसका खास हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.
मोदी ने कहा, "हम फिर से एक मंच पर पहुंचे हैं जहां भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा को बदल रही है. इसलिए, हमारे पड़ोस और एससीओ क्षेत्र में कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता है. हम किसी भी ऐसी नई कनेक्टिविटी परियोजना का स्वागत करेंगे जो समावेशी, पारदर्शी, स्थाई और देशों की संप्रभुता व अखंडता का सम्मान करती हो. "
उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, चाबहार बंदरगाह में भारत की सक्रिय भागीदारी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए सुरक्षा प्राथमिकता है. उन्होंने सिक्योर शब्द का वर्णन करते हुए कहा, एस फॉर सिक्योरिटी (एस का मतबल सुरक्षा), ई फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट (ई का मतबल आर्थिक विकास) सी फॉर कनेक्टिविटी इन द रीजन (सी का मतबल क्षेत्र में कनेक्टिविटी) यू फॉर यूनिटी (यू का मतलब एकता) आर फॉर रिस्पेक्ट ऑफ सोवरिनिटी एंड इंटिग्रिटी (आर का मतलब संप्रभुता और अखंडता का सम्मान) और ई फॉर इनवॉयरमेंट (ई का मतलब पर्यावरण संरक्षण) है.