अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव रखने का काम जनवरी में होगा शुरू, जमीन के नीचे बनाई जाएगी सुरक्षा दीवार
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की नींव का काम जनवरी से शुरू होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सरयू नदी के बहाव से मंदिर की नींव को नुकसान ना हो इसके लिए जमीन के नीचे एक दीवार बनाई जाएगी.
लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में भव्य श्रीराम मंदिर (Ram Temple) की नींव का काम जनवरी से शुरू होगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय (Champat Rai) ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सरयू नदी के बहाव से मंदिर की नींव को नुकसान ना हो इसके लिए जमीन के नीचे एक दीवार बनाई जाएगी. अयोध्या को और भव्य स्वरूप देने के लिए 343 गांव शामिल, यूपी कैबिनेट ने दी मंजूरी
अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव का काम जनवरी से शुरू होगा. इस काम में विभिन्न इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ तैयारियों में जुटे हुए हैं. जबकि विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं के साथ बैठक करके मंदिर निर्माण की प्रगति पर चर्चा की जाएगी. इससे पहले राम मंदिर के लिए नींव रखने का कार्य 15 दिसंबर के बाद शुरू होने वाला था.
राय ने बीते हफ्ते कहा कि भगवान राम का ऐसा मजबूत मंदिर बनाने की दिशा में कार्य चल रहा कि न वह भूकंप से डिगे और न ही नदी के रास्ता बदलने से कोई विपरीत प्रभाव पड़े. कम से कम एक हजार साल की आयु वाले मंदिर निर्माण की मजबूती के लिए आईआईटी के इंजीनियर सहित तमाम तकनीकी विशेषज्ञ मंथन करने में जुटे हैं.
हाल ही में राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक हुई थी. इस बैठक में लार्सन एंड टूर्बो, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मद्रास), आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञ, अक्षरधाम मंदिर के वास्तुकार ब्रह्म विहारी स्वामी और राम मंदिर के वास्तुकारों में शामिल आशीष सोमपुरा मौजूद थे.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पत्थरों से होगा. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट, लम्बाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में बाहरी सुरक्षा दीवार का निर्माण शुरू होगा. मुख्य मंदिर का कुल क्षेत्र 2.7 एकड़ का होगा. जबकि 67 एकड़ के राम जन्मभूमि परिसर के बाहरी क्षेत्र में न्यास स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय के तहत निर्माण कार्य करेगा. निर्माण कार्य की देखरेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव और रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्र की देखरेख में चल रहा है. उम्मीद है कि 2024 तक मंदिर के गर्भगृह में श्री राम लला की प्रतिस्थापना पूरी हो जाएगी. (एजेंसी इनपुट के साथ)