UP में फर्जी दस्तावेज के सहारे 16 साल पहले नियुक्त शिक्षक को किया बर्खास्त, एफआईआर दर्ज करने के साथ ही विभाग वसूलेगा संपूर्ण वेतन
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर प्राथमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. प्राथमिक शिक्षा विभाग में 16 साल तक नौकरी करने के बाद उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, जिसके बाद उसे बर्खास्त किया गया है.
फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश), 8 मार्च : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर प्राथमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है. प्राथमिक शिक्षा विभाग में 16 साल तक नौकरी करने के बाद उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, जिसके बाद उसे बर्खास्त किया गया है. आरोपी व्यक्ति फिरोजाबाद जिले के मदनपुरा ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत था. बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने फर्जी शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर यूपी एसटीएफ की जांच के दौरान मामला सामने आया.
आरोपी ने खुद को 'देवेंद्र कुमार' बताकर नौकरी हासिल की थी. उसने हाथरस जिले में तैनात इसी नाम के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के फर्जी दस्तावेज पेश किए थे. एसटीएफ की जांच शुरू हुई तो फर्जी शिक्षक ने ड्यूटी से इस्तीफा देने का प्रयास किया. बीएसए अंजलि अग्रवाल ने कहा, "2006 में, देवेंद्र कुमार ने इसी नाम के एक अन्य शिक्षक के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी. उन्हें तीन बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने स्पष्टीकरण की पेशकश नहीं की. उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. इसके अलावा, उन्होंने विभाग से 16 साल से जो वेतन प्राप्त किया है, उसे भी वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है." यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- भारत में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जो कि दुनिया में सबसे ज़्यादा में एक है
राज्य सरकार के आदेश के बाद यूपी एसटीएफ ने एक ऑनलाइन पोर्टल पर प्राथमिक शिक्षा विभाग के मानव संसाधन डेटा की जांच शुरू कर दी है. फिरोजाबाद जिले में अब तक तीन मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की.