कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले में पति को राहत दी, जिसमें उसकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसने बच्चे के जन्म के बाद उसे फ्रेंच फ्राइज खाने नहीं दिए. कोर्ट ने इस मामले को "बिल्कुल तुच्छ" बताते हुए पति के खिलाफ दायर क्रूरता के मामले पर रोक लगा दी.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A (क्रूरता) के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मामला इस आधार पर दर्ज हुआ कि उसने अपनी पत्नी को बच्चे के जन्म के बाद फ्रेंच फ्राइज खाने नहीं दिए.
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने कहा, "पति के खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगी और यह पत्नी के आरोपों को अनुचित महत्व देगा. इसलिए, पति के खिलाफ सभी जांचों पर अंतरिम रोक लगाई जाती है."
Karnataka High Court stays cruelty case against husband for not allowing wife to eat french fries
Read more: https://t.co/ap6Sc0BWoJ pic.twitter.com/jr1Ru4KBpG
— Bar and Bench (@barandbench) August 22, 2024
हाई कोर्ट ने पति को अमेरिका जाने की अनुमति भी दी, बशर्ते वह अधिकारियों के साथ सहयोग करेगा. पत्नी की शिकायत के आधार पर पति और उसके माता-पिता के खिलाफ धारा 498A के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, कोर्ट ने पति के माता-पिता के खिलाफ जांच पर पहले ही रोक लगा दी थी.
शिकायत में, पत्नी ने आरोप लगाया था कि पति ने उसे बच्चे के जन्म के बाद फ्रेंच फ्राइज, चावल और मांस खाने नहीं दिया.
पति ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि अमेरिका में छह साल के दौरान उसकी पत्नी ने उसे सारे घरेलू काम करवाए. उन्होंने यह भी कहा कि पत्नी ज्यादातर समय फोन पर या पाकिस्तानी ड्रामा देखने में बिताती थी.
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने इस मामले को कानूनी प्रक्रियाओं का स्पष्ट दुरुपयोग बताया और कहा कि 'लुक आउट सर्कुलर' को इस मामले में "हथियार" बनाया जा रहा था.
HC जज ने महिला से ₹6,16,300 के रखरखाव की मांग पर सवाल उठाए
A Must watch for all Men & Women.
Wife asked 6,16,300/ month as Maintenance, Honorable Judge said that this is exploitation & beyond tolerance. pic.twitter.com/TFjpJ61MHA
— Joker of India (@JokerOf_India) August 21, 2024
हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट की एक वीडियो सामने आई, जिसमें एक महिला जज ने एक वकील से सवाल किया कि उनकी महिला मुवक्किल अपने पति से ₹6,16,300 प्रति माह की मांग क्यों कर रही है. इस वीडियो में जज को तलाकशुदा महिला की असंगत भरण-पोषण की मांग के लिए वकील को फटकारते हुए देखा जा सकता है.