Pravasi Bharatiya Divas: क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

प्रवासी भारतीय दिवस: प्रवासी भारतीय दिवस हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिन प्रवासी भारतीयों को समर्पित हैं. इस साल 16वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा. इसकी थीम 'आत्मनिर्भर भारत में योगदान' रहेगी. हर साल इसका आयोजन भारत में किया जाता है. लेकिन इस साल कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते खतरे और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते इस आयोजन को वर्चूअल रूप दिया जा रहा है. प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2021 में दो पूर्ण सत्र शामिल रहेंगे. इनमें पहला सत्र 'आत्मनिर्भर भारत में प्रवासियों की भूमिका' और दूसरा सत्र 'कोविड के बाद की चुनौतियां - स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सामाजिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के हालात' पर होगा.

इस साल कैसा रहेगा आयोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. हर भारतीय और प्रवासी सदस्य को इस कार्यक्रम में शामिल होने और इसका हिस्सा बनाने के लिए, इस कार्यक्रम को वर्चूअल प्लेटफार्मों (Virtual platforms) पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. इसी दौैरान 'भारत को जानिए' क्विज और अन्य पुरस्कारों का वितरण भी किया जाएगा. साथ ही प्रोग्राम में 'भारत को जानिए दर्शन' के लिए प्रवासी भारतीयों को आमंत्रित भी किया जाएगा. कार्यक्रम के दोनों सत्रों के पूरा होने के बाद माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद समापन भाषण देंगे.

दिया जाता है प्रवासी भारतीय सम्मान

इस समारोह के प्रति प्रवासी भारतीय उत्सुक रहते हैं क्योंकि प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम के दौरान 'प्रवासी भारतीय सम्मान' भी दिया जाता है. यह सम्मान प्रवासी भारतीय विभाग द्वारा स्थापित पुरस्कार है, इसे हर साल भारत के राष्ट्रपति प्रदान करते हैं. यह प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को उनके क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है.

क्यों मनाया जाता है यह दिवस

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के भारत के प्रति विचार, भावनाओं की अभिव्यक्ति और देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है. इस आयोजन के साथ ही यह कोशिश की जाती है कि भारत में निवेश के अवसरों को बढ़ाया जा सके. इस कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया के सभी देशों में प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. विदेशों में रह रहे श्रमजीवी भारतीयों की परेशानियों को जानना और उन समस्याओं को दूर करना भी इस आयोजन का एक उद्देश्य हैं. साथ ही इससे भारत के युवाओं को प्रवासी भारतीयों को जानने-समझने में भी मदद मिलती है.

क्या है इस दिन का इतिहास

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. पहली बार 9 से 11 जनवरी 2003 में दिल्ली में इस कार्यकम का आयोजन हुआ था. तब से हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. इस कार्यक्रम को प्रवासी भारतीयों से जुड़ने के लिए विशेष माना जाता है.