कौन हैं जौनपुर की फैमिली जज रीता कौशिक? जिन पर सुसाइड से पहले अतुल सुभाष ने लगाया घूसखोरी का आरोप

जौनपुर के अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जज ने केस सेटल करने के लिए रिश्वत की मांग की और अदालत में तारीखों के लिए भी घूस देने का दबाव डाला.

Who is Jaunpur Judge Rita Kaushik? उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो और 24 पन्नों का नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी, ससुरालवालों और फैमिली कोर्ट की जज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अतुल के अनुसार, उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने उनकी जिंदगी नर्क बना दी थी और जज ने मामले को सुलझाने के नाम पर उनसे रिश्वत की मांग की थी.

अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या के लिए अपनी पत्नी और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने पहले एक करोड़ रुपये की मांग की थी, फिर यह रकम बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये कर दी थी. इस रकम के लिए लगातार दबाव डालने के बाद, पत्नी ने उनके बेटे से भी मिलने नहीं दिया. इससे भी अधिक चौंकाने वाला यह है कि ससुरालवालों ने उनके ससुर की मौत को भी हत्या का मामला बनाकर दर्ज करा दिया था. अतुल ने कहा कि इन सभी घटनाओं के कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गए थे, जो अंततः आत्महत्या का कारण बनीं.

फैमिली कोर्ट की जज पर गंभीर आरोप

अतुल ने अपने वीडियो में जौनपुर के फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज रीता कौशिक पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपनी स्थिति को लेकर जज के सामने आत्महत्या की बात की, तो जज ने इसे मजाक में लिया और हंसते हुए कहा कि वह इसके बारे में कुछ नहीं कर सकतीं. इसके बाद जज ने उनसे मामले को सेटल करने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी. अतुल ने यह भी आरोप लगाया कि जज की अदालत में तारीख पाने के लिए पेशकार को भी रिश्वत देनी पड़ती थी. 2022 में पेशकार ने उनसे 3 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, लेकिन जब अतुल ने घूस देने से इंकार किया तो कोर्ट ने उन्हें एलिमनी और मेंटिनेंस के तहत अपनी पत्नी को हर महीने 80,000 रुपये देने का आदेश दिया.

रिश्वत के लिए दबाव और मानसिक उत्पीड़न

अतुल ने आगे बताया कि प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज ने उन पर तीन करोड़ रुपये मेंटिनेंस देने का दबाव भी बनाया. जज ने अपनी पत्नी को बाहर करके उनसे अकेले में बात की और रिश्वत के तौर पर 5 लाख रुपये की मांग की. जज ने यह भी कहा कि अगर वह यह रकम दें तो वह केस को दिसंबर 2024 तक सेटल कर देंगी. अतुल ने वीडियो में कहा कि इस मानसिक उत्पीड़न के कारण ही उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाने का फैसला किया.

जज रीता कौशिक का करियर

रीता कौशिक फिलहाल जौनपुर में प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज हैं. उनका न्यायिक करियर बहुत लंबा और अनुभवपूर्ण रहा है. रीता कौशिक ने 20 मार्च 1996 में मुंसिफ के तौर पर अपनी न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी. इसके बाद वह सहारनपुर में जूडिशियल मैजिस्ट्रेट, मथुरा में अडिशनल सिविल जज, अमरोहा में सिवल जज (जूनियर डिविजन) और लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं. बाद में वह प्रमोट होकर अडिशनल चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट बन गईं और अयोध्या में भी डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज रहीं. 2018 में वह अयोध्या में फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं और 2022 तक वहां तैनात रही. इसके बाद उनका ट्रांसफर जौनपुर में हो गया, जहां वह वर्तमान में फैमिली कोर्ट की जज के तौर पर कार्यरत हैं.

अतुल सुभाष का वीडियो और नोट

अतुल सुभाष के वीडियो और नोट में उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने परिवार को परेशान करने वालों के खिलाफ न्याय की उम्मीद नहीं रखते थे, लेकिन उनके मरने के बाद उनके परिवार को कम से कम शांति मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि अगर ज्यूडिशियरी से संबंधित लोगों को सजा नहीं मिलती, तो उनके शव का अस्थि विसर्जन नहीं होना चाहिए. उनका यह बयान भी हैरान करने वाला था, क्योंकि उन्होंने ज्यूडिशियरी सिस्टम और पुलिस पर आरोप लगाए और यह माना कि वे सिर्फ पैसा बनाने के लिए काम करते हैं.

अतुल के पिता का बयान

अतुल के पिता पवन कुमार ने कहा कि उनके बेटे ने हमेशा उन्हें यह बताया था कि मध्यस्थता कोर्ट में काम करने वाले लोग कानून के मुताबिक नहीं काम करते हैं. उन्हें बार-बार बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ता था और उनकी पत्नी ने उन पर निरंतर आरोप लगाए थे. पवन कुमार ने कहा कि उन्हें यह कभी महसूस नहीं हुआ कि उनका बेटा इतने बड़े मानसिक दबाव में था, लेकिन रात करीब एक बजे उनके छोटे बेटे को अतुल ने मेल भेजा और उनकी मानसिक स्थिति का खुलासा किया.

आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर:

टेली मानस (स्वास्थ्य मंत्रालय) – 14416 या 1800 891 4416; निमहंस – + 91 80 26995000 /5100 /5200 /5300 /5400; पीक माइंड – 080-456 87786; वंद्रेवाला फाउंडेशन – 9999 666 555; अर्पिता आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन – 080-23655557; आईकॉल – 022-25521111 और 9152987821; सीओओजे मानसिक स्वास्थ्य फाउंडेशन (सीओओजे) – 0832-2252525।

पुरुषों की हेल्पलाइन नंबर:

मिलाप: 9990588768; अखिल भारतीय पुरुष हेल्पलाइन: 9911666498; पुरुष कल्याण ट्रस्ट: 8882498498.

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